Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने MCD अधिकारियों को लगाई फटकार, कहा- 'कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया तो...'
Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने एमसीडी के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए हरदयाल म्यूनिसिपल हेरिटेज पब्लिक लाइब्रेरी के कर्मचारियों का पूरा वेतन देने के लिए कहा है। अगर 14 अगस्त से पहले वेतन नहीं दिया गया, तो...
Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने MCD अधिकारियों को एक बार फिर फटकार लगाई है। साथ ही ये भी कहा है कि अगर 14 अगस्त तक कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया, तो अवमानना कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
दरअसल, हरदयाल म्यूनिसिपल हेरिटेज पब्लिक लाइब्रेरी के कर्मचारियों को कई सालों से वेतन नहीं मिल रहा है। वे बिना वेतन के ही यहां पर कई सालों से काम कर रहे हैं। इसको लेकर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। हाईकोर्ट ने दिल्ली नगर निगम और लाइब्रेरी सचिव के खिलाफ अवमानना कार्रवाई पुनः शुरू कराने की बात कही है।
18 दिसंबर 2024 को दिए गए थे निर्देश
जस्टिस अनीश दयाल की बेंच ने 18 दिसंबर 2024 को दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिए थे कि वे जल्द से जल्द कर्मचारियों को वेतन दें। इस पर दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि वे जल्द से जल्द वेतन दे देंगे। हालांकि आदेश दिए हुए 6 महीने का समय हो चुका है, लेकिन नगर निगम के अधिकारियों ने कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया।
'निगम के अधिकारी अपने ही बयानों पर खरे नहीं उतरे'
इस पर बेंच ने कहा कि 'निगम के अधिकारी अपने ही बयानों पर खरे नहीं उतरे। निगम के अतिरिक्त उपायुक्त ने आश्वासन दिया था कि हरदयाल म्यूनिसिपल हेरिटेज पब्लिक लाइब्रेरी में तीन साल से बिना वेतन के काम कर रहे कर्मचारियों को 15 अप्रैल 2025 तक वेतन और अन्य भत्ते जारी कर देंगे। लेकिन अब जून 2025 आ गया है और अब तक उनका पूरा वेतन नहीं दिया गया है।'
'अगली सुनवाई तक कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं दिया तो...'
इस मामले में अगली सुनवाई 14 अगस्त 2025 को रखी गई है। वहीं बेंच की तरफ से लाइब्रेरी सचिव को भी 14 अगस्त को अदालत में तलब किया गया है। साथ ही एमसीडी को भी हिदायत दी गई है कि अगर अगली सुनवाई से पहले कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं दिया गया, तो अवमानना की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
क्या बोले वकील?
दिल्ली हाईकोर्ट में हरदयाल म्यूनिसिपल हेरिटेज पब्लिक लाइब्रेरी के कर्मचारियों के वेतन को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान MCD की तरफ से स्थाई वकील तुषार सानू ने कोर्ट को बताया कि वेतन के लिए 11.93 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। इनमें से 2 करोड़ रुपए लाइब्रेरी सचिव को जारी किए जा चुके हैं। हालांकि इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील ने अनुज अग्रवाल ने कोर्ट को बताया कि कर्मचारियों को महज मार्च 2023 तक का ही वेतन दिया गया है। अभी भी कर्मचारियों का 2 साल 3 महीने का वेतन बाकी है।