Delhi High Court: कभी भंडारा, तो कभी पिज्जा पार्टी... दिल्ली हाई कोर्ट ने ऐसे खत्म किए विवाद
Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने पड़ोसियों के दो मामलों को सुलझाने के लिए अजीबोगरीब आदेश दिया। एक जगह पर पिज्जा पार्टी देने के, तो दूसरी जगह पर 50 बच्चों को खाना खिलाने के आदेश दिए।
दिल्ली हाईकोर्ट
Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट अजीबोगरीब आदेश देने लगा है। हाल ही में पड़ोसियों के विवाद मामले में दो अलग-अलग मामलों में दिलचस्प सजा दी और फिर मुकदमा खत्म कर दिया। जानकारी के अनुसार, दोनों मामलों में दोनों पक्ष आपसी समझौते के जरिए मुकदमा खत्म करने के लिए तैयार थे।
बता दें कि हालिया मामले में जस्टिस अनीश दयाल की बेंच ने एक केस में आरोपी दंपत्ति से कहा कि वो गरीब बच्चों के लिए नवरात्रि और दीपावली पर भंडारे का आयोजन करें। दिल्ली हाईकोर्ट ने पति-पत्नी को निर्देश दिया कि वे एक बार नवरात्रि और एक बार दीपावली पर कम से कम 50 बच्चों के लिए भंडारे का आयोजन करें। इस मामले में शिकायतकर्ता ने पति-पत्नी के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद शिकायतकर्ता ने कोर्ट में कहा कि आरोपी और शिकायकर्ता दोनों पक्षों में समझौता हो गया है। इस कारण वे FIR खारिज कराना चाहते हैं। ऐसे में अगर कोर्ट इस मामले को खारिज करता है, तो कोई ऐतराज नहीं है।
कोर्ट ने दोनों पक्षों के समझौते को देखते हुए FIR रद्द कर दी। साथ ही कोर्ट ने कहा कि अगर दोनों पक्ष आपसी सहमति से केस को खत्म करना चाहते हैं, तो मुकदमे को आगे बढाना अदालती कार्रवाई का दुरुपयोग करना होगा। हालांकि आरोपी पति-पत्नी को भण्डारा कराना होगा, जिसमें नवरात्रि पर एक बार और दीपावली पर एक बार 50-50 बच्चों का भंडारा करना होगा। उन आयोजनों की फोटोज के साथ कोर्ट में हलफनामा दर्ज कराना होगा।
इसी तरह हाल ही में दो पड़ोसियों के बीच कुत्ते को लेकर हुए झगड़े में दिल्ली हाई कोर्ट ने दिलचस्प तरीका निकाला। इस मामले में जस्टिस अरुण मोंगा ने दोनों पड़ोसियों को आदेश दिया कि वे जुवेनाइल होम में रह रहे कैदियों और स्टाफ को वेजिटेबल पिज्जा और छाछ बांटें।
इस मामले में मानसरोवर इलाके में रहने वाले दो पड़ोसियों के बीच पालतू जानवरों को लेकर विवाद हुआ। दोनों के बीच बहस मारपीट तक पहुंच गई। दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ FIR दर्ज कराई। दोनों पक्षों ने हाईकोर्ट में कहा कि उनका झगड़ा गलतफहमी का नतीजा है। उन्होंने आपसी समझौते से केस खत्म करने की बात कही। इसके बाद कोर्ट ने FIR खारिज करते हुए दोनो पक्षों को कम्युनिटी सर्विस करने का निर्देश दिया।