प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार का कदम: ऊंची इमारतों में एंटी-स्मॉग गन अनिवार्य, जानें नए नियम

Delhi Pollution: प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। मंत्री मनजिंदर सिरसा ने ऊंची इमारतों में एंटी-स्मॉग गन अनिवार्य कर दिया है।

Updated On 2025-05-30 16:53:00 IST

Delhi Pollution: दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए नए नियम बनाए हैं। इन नए नियमों के अनुसार, सभी ऊंची व्यावसायिक, संस्थागत और आतिथ्य इमारतों के लिए एंटी-स्मॉग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिरसा ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि एंटी स्मॉग गन की संख्या इमारत के निर्मित क्षेत्र पर निर्भर होगी।

10 हजार वर्ग मीटर से कम निर्मित क्षेत्र वाली इमारतों के लिए कम से कम तीन एंटी-स्मॉग गन होने चाहिए। 10001 से 15000 वर्ग मीटर वाली इमारत में चार एंटी स्मॉग गन रखनी अनिवार्य होंगी। इस तरह हर 5000 वर्ग मीटर पर एक एंटी स्मॉग गन बढ़ती रहेगी।

इस दौरान मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि शहरी स्थानीय निकायों को इमारतों की पहचान करने, निर्देशों का पालन कराने और अनुपालन की निगरानी करने के निर्देश दे दिए गए हैं। इमारत के मालिकों को प्रणाली स्थापित करने के लिए 6 महीने का समय दिया गया है। सरकार के इस कदम का दिल्ली में प्रदूषण कम करने पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।

मनजिंदर सिरसा ने बताया कि दिल्ली सरकार चाहती है कि इस साल प्रदूषण के मामले में दिल्ली के लोगों को फर्क महसूस हो। प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार हर जरूरी कदम उठा रही है। दिल्ली सरकार के पर्यावरण और वन विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि सभी मॉल, होटल, कार्यालय इमारतें, वाणिज्यिक परिसरों और शैक्षणिक संस्थान, जो पांच मंजिला इमारत या उससे ऊपर हैं और जिनका भवन 3000 वर्ग मीटर या उससे ज्यादा वर्ग मीटर वाली इमारतों में एंटी स्मॉग गन लगानी अनिवार्य है।

बता दें कि दिल्ली में हर साल सर्दी की शुरुआत से पहले ही प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। वहीं दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में AQI 500 तक पहुंच जाता है। इसके कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस दौरान लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में परेशानी जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

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