MISA: आपातकाल के मीसा से जुड़े दस्तावेज होंगे सार्वजनिक! सरकार कर रही ये तैयारी
MISA Emergency Law: इमरजेंसी के दौरान लागू किए गए मीसा कानून की फाइलें सार्वजनिक करने की तैयारी चल रही है। दिल्ली सरकार इन सभी गोपनीय रिकॉर्ड्स को जनता के सामने लाना चाहती है।
मीसा कानून के दस्तावेज पब्लिक करने की तैयारी कर रही दिल्ली सरकार।
MISA Emergency Law: भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे विवादास्पद दौर आपातकाल को माना जाता है। वो समय, जिसे देश कभी भूल नहीं सकता। उस दौर की बहुत सी बातें, लोगों के जहन में अब तक मौजूद हैं, जिसे वे अब तक नहीं भूल पाए हैं। अब इससे जुड़ी फाइलें आम जनता के सामने आ सकती हैं। दिल्ली सरकार इसके लिए तैयारी कर रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 1970 में लागू किए गए MISA (मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट) से संबंधित गोपनीय रिकॉर्ड्स हैं, जिन्हें सार्वजनिक किया जा सकता है। इन ऐतिहासिक फाइलों को अब डिजिटल करने के लिए दिल्ली सरकार का स्टेट आर्काइव डिपार्टमेंट योजना बना रहा है।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली सरकार के भीतर इन ऐतिहासिक फाइलों को डिजिटल करने की चर्चा चल रही है। सरकार का मानना है कि इन फाइलों को सार्वजनिक करके जनता के सामने लाना चाहिए। हालांकि दिल्ली सरकार का अब तक इस पर कोई आधिकारिक फैसला नहीं आया है।
क्या है मीसा कानून?
संसद में साल 1971 में मीसा कानून पारित किया गया था। इस कानून को राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में लागू किया गया। ये कानून बहुत ज्यादा सख्त था। इसकी सख्ती की कल्पना ऐसे कर सकते हैं कि मीसा कानून के तहत किसी को भी बिना किसी आरोप और मुकदमे के गिरफ्तार किया जा सकता था। इतना ही नहीं उसे अनिश्चितकाल तक के लिए हिरासत में रखा जा सकता था। आपातकाल 25 जून 1975 में लागू किया गया था। इस कानून का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर राजनीतिक विरोधियों की आवाज दबाने के लिए किया गया।
कब इस्तेमाल किया गया मीसा कानून?
मीसा कानून का व्यापक इस्तेमाल साल 1975-77 के बीच किया गया। इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार में इमरजेंसी लगाई गई। इस दौरान विपक्षी नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्र संगठनों और पत्रकारों तक को हिरासत में लिया गया था।
अंतिम मंजूरी के लिए गृह विभाग को भेजी गईं फाइल्स
जानकारी के अनुसार, दिल्ली सरकार के आर्काइव में मीसा कानून से जुड़ी कई फाइल रखी हैं। अब इन फाइलों को डिजिटल करके सार्वजनिक करने के लिए दिल्ली सरकार के गृह विभाग को अंतिम मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। अगर इसके लिए अनुमति मिल जाती है, तो इन्हें डिजिटल करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके बाद इन सभी अभिलेखों को सार्वजनिक प्लेटफॉर्म्स पर भी उपलब्ध कराया जाएगा।
सरकार की आलोचना के कारण काटी थी सजा
खबरों की मानें, तो दिल्ली सरकार ने लगभग 4 करोड़ दस्तावेजों को डिजिटल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस दौरान मीसा कानून से जुड़ी कई फाइलें भी सामने आई हैं। इन फाइलों में हजारों ऐसे लोगों के नाम हैं, जिन्हें सरकार की आलोचना करने के कारण जेल भेज दिया गया था। इन फाइल्स में उनकी गिरफ्तारी रिपोर्ट, हिरासत के कारण और कारावास की अवधि भी लिखी है। इसमें अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, जयप्रकाश नारायण, मोरारजी देसाई समेत कई नेताओं के नाम शामिल हैं।