Delhi Flood: 206 मीटर के नीचे पहुंची यमुना, फिर भी खतरा बरकरार, जानें अभी कैसे हैं हालात
Delhi Flood: दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 206 मीटर के नीचे पहुंच गया है। हर दिन नदी के जलस्तर में गिरावट हो रही है। हालांकि अभी भी दिल्ली पर बाढ़ का खतरा बरकरार है। देखें ताजा अपडेट...
दिल्ली में खतरे के निशान के नीचे पहुंचा यमुना का जलस्तर।
Delhi Flood Update: राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। हालांकि अब यमुना का जलस्तर में धीरे-धीरे गिरावट हो रही है। दिल्ली के पुराने लोहा पुल पर रविवार (7 सितंबर) सुबह 7 बजे यमुना नदी का जलस्तर 205.59 मीटर दर्ज किया गया। इससे पहले शनिवार रात 8 बजे जलस्तर 205.98 मीटर दर्ज किया गया था। हालांकि अब भी यमुना नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। बता दें कि दिल्ली में यमुना नदी के खतरे का निशान 205.33 मीटर पर तय है।
कुछ दिनों से यमुना नदी का जलस्तर 207 मीटर से ज्यादा ऊपर था, लेकिन अब जलस्तर में गिरावट हो रही है। जलस्तर घटने के बावजूद निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बड़ी समस्या है। अभी भी दिल्ली के कई इलाकों में यमुना का पानी भरा हुआ है। उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में स्थिति सामान्य हो सकती है।
अभी भी खतरा बरकरार
दिल्ली पर अभी भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसके चलते राजधानी में कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। मयूर विहार इलाके में राहत कैंप लगाए हैं, जहां पर निचले इलाकों के लोगों को शिफ्ट किया गया है। दरअसल, मयूर विहार इलाकों में अभी भी बाढ़ का पानी भरा हुआ है। वहीं, मोनेस्ट्री इलाके में हालात गंभीर हैं, जहां पर नावों का इस्तेमाल करके राहत पहुंचाया जा रहा है। इसके अलावा कुछ इलाकों से बाढ़ का पानी धीरे-धीरे हटने लगा है।
बाढ़ के खतरे को लेकर प्रशासन अलर्ट
यमुना के जलस्तर में गिरावट होने के बाद दिल्ली में बाढ़ का खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। दिल्ली के कई इलाकों में अभी भी बाढ़ का पानी भरा हुआ है। उन इलाकों से लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। वहीं, प्रशासन अलर्ट मोड पर है और यमुना के जलस्तर पर निगरानी बनाए हुए है।
अधिकारियों का कहना है कि अगर इसी तरह यमुना का जलस्तर कम होता रहा, तो अगले कुछ दिनों में स्थिति पहले की तरह सामान्य हो जाएगी। माना जा रहा है कि रविवार शाम तक यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे पहुंच सकता है।
बैराज से छोड़ा गया पानी
बाढ़ नियंत्रण विभाग (सीडब्ल्यूसी) के मुताबिक, शनिवार यानी 6 सितंबर को रात 8 बजे हथिनीकुंड बैराज से करीब 46,501 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। वहीं, वजीराबाद बैराज से लगभग 93,260 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इन बैराजों से छोड़े गए पानी का असर यमुना के जलस्तर पर पड़ता है। बैराजों से छोड़ा गए पानी को दिल्ली तक पहुंचने में लगभग 48 से 50 घंटे का समय लगता है।
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