सत्येंद्र जैन vs बांसुरी स्वराज केस: 'आपको निष्पक्ष होना चाहिए', भ्रामक पोस्ट पर दिल्ली कोर्ट की ED को फटकार

Satyendra Jain: राउज एवेन्यू कोर्ट ने 'आप' नेता सत्येंद्र की याचिका खारिज कर दी है, जिसमें उन्होंने बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज पर मानहानि का दावा किया था। जानें पूरा मामला...

Updated On 2025-08-01 14:49:00 IST

दिल्ली कोर्ट ने आप नेता सत्येंद्र जैन की याचिका खारिज की। 

Satyendra Jain Defamation Plea Against BJP MP: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन के द्वारा बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज के खिलाफ दायर मानहानि का याचिका खारिज कर दी। इस दौरान कोर्ट ने ईडी के भ्रामक पोस्ट की भी आलोचना की, जिसकी वजह से यह मामला शुरू हुआ। दरअसल, 7 जून 2022 को ईडी ने एक्स पर एक पोस्ट किया, जिसमें लिखा था कि सत्येंद्र जैन और अन्य के ठिकानों पर तलाशी के बाद 2.85 करोड़ रुपये कैश और 1.80 किलो सोना समेत कई दस्तावेज बरामद किए गए। इससे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जैसे ये सभी चीजें सत्येंद्र जैन के आवास से ही मिली हैं।

हालांकि ये सभी सामग्रियां सत्येंद्र जैन के घर से जब्त नहीं की गई थी। इसको लेकर बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि ईडी ने सत्येंद्र जैन के घर से 1.8 किलोग्राम सोना, 133 सोने के सिक्के और तीन करोड़ कैश बरामद किया।

कोर्ट ने क्या कहा?

बांसुरी स्वराज के बयान को लेकर आप नेता सत्येंद्र जैन ने उनके खिलाफ मानहानि की याचिका दायर की थी। इस मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जस्टिस जितेंद्र सिंह ने कहा कि बांसुरी स्वराज द्वारा दिया गया बयान ईडी के पोस्ट का ही दोहराव है। कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई रिकार्ड नहीं है, जिससे साबित हो कि बांसुरी स्वराज के पास इस जानकारी की पुष्टि करने की स्वतंत्र जिम्मेदारी थी। उनके बयान में मानहानि की मंशा नहीं दिखाई देती है।

कोर्ट के स्पेशल जस्टिस जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस मामले को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त आधार नहीं हैं और उन्होंने याचिका खारिज कर दी। बता दें कि इससे पहले सत्येंद्र जैन ने निचली अदालत में याचिका लगाई थी। हालांकि कोर्ट ने बांसुरी स्वराज के खिलाफ मुकदमा चलाने से इनकार कर दिया था। इस फैसले को जैन ने राउज एवेन्यू कोर्ट में चुनौती दी थी।

कोर्ट ने की ईडी की आलोचना

कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की याचिका खारिज करते हुए कहा कि बांसुरी स्वराज ने तथ्यों को खुद से नहीं गढ़ा था और न ही कोई गलत जानकारी फैलाई थी। इस दौरान अदालत ने ईडी के पोस्ट की आलोचना की। अदालत ने कहा कि ईडी जैसी जांच एजेंसी का दायित्व है कि वह निष्पक्षता से कार्य करे और उचित प्रक्रिया के सिद्धांतों को बनाए रखे। किसी भी तरह की सूचना का प्रसार सटीक होना चाहिए।

'आप' ने कसा तंज

कोर्ट के इस फैसले के बाद आप आदमी पार्टी की ओर से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया गया। पार्टी ने लिखा कि राउज एवेन्यू कोर्ट ने टिप्पणी की है कि ईडी जैसी जांच एजेंसी के लिए अनिवार्य है कि वह निष्पक्ष रूप से काम करे। आप ने लिखा कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट भी ED-CBI को पिंजरे में बंद तोता कह चुका है। लेकिन इसके बाद भी मोदी सरकार और उनकी जांच एजेंसियां सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं।

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