Delhi Biogas Plant: दिल्ली की नंगली डेयरी में शुरू हुआ बायोगैस प्लांट, क्या होंगे फायदे?

Delhi First Biogas Plant: दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने नंगली डेयरी में पहले बायोगैस प्लांट का उद्घाटन किया। इस प्लांट से हर दिन 200 मीट्रिक टन गोबर का निस्तारण किया जाएगा। जानें प्लांट के फायदे...

Updated On 2025-09-20 16:12:00 IST

दिल्ली के नंगली डेयरी में बायोगैस प्लांट का उद्घाटन।

Delhi First Biogas Plant: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को नंगली डेयरी में 200 टी.डी.पी. क्षमता वाले पहले बायोगैस प्लांट का उद्घाटन किया। यह उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन अवसर पर चल रहे सेवा पखवाड़े के तहत किया गया है। सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि यह बायोगैस प्लांट गोबर और डेयरी अपशिष्ट के प्रबंधन का स्थायी समाधान देगा।

इसके साथ ही हजारों गौशालाओं और डेयरियों की समस्याओं को भी दूर करेगा। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि इस बायोगैस प्लांट से अब गोबर से ग्रीन एनर्जी बनेगी। इससे पर्यावरण साफ होगा, यमुना का प्रदूषण कम होगा और किसानों, पशुपालकों को भी मदद मिलेगी।

क्या है बायोगैस प्लांट की खासियत?

दिल्ली में पहला बायोगैस प्लांट शुरू हो गया है। इस प्लांट से हर दिन 200 मीट्रिक टन गोबर का निपटान किया जाएगा, जिससे गैस तैयार की जाएगी। बायोगैस प्लांट के गैस तैयार करने के बाद जो वेस्ट बचेगा, उससे अच्छी क्वालिटी की खाद बनाई जाएगी। इसका मतलब है कि अब डेयरी मालिकों को गाय-भैंस का गोबर नदियों और नालों में नहीं बहाना पड़ेगा, जिससे यमुना नदी का प्रदूषण भी कम होगा। इसके साथ ही डेयरी मालिक गोबर को बायोगैस प्लांट चलाने वाली कंपनी को बेच सकते हैं, जिससे वे अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

जानकारी के मुताबिक, डेयरी मालिक 65 पैसे प्रति किलो के हिसाब से गोबर बेच सकेंगे। पशुपालकों के अलावा हरित कचरे का भी प्लांट में निस्तारण किया जाएगा। इसके लिए सब्जी मंडियों से हरित कचरा एकत्र किया जाएगा। बताया जा रहा है कि बायोगैस प्लांट से बने गैस को इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड को बेचा जाएगा।

2.72 एकड़ में बना है प्लांट

दिल्ली के नंगली डेयरी इलाके में बना बायोगैस प्लांट 2.72 एकड़ में बनाया गया है। इस प्लांट में हर दिन 200 मीट्रिक टन गोबर को निपटान होगा। इस प्लांट को बनाने के काम दिसंबर 2018 से ही चल रहा था। अब आखिरकार इस प्लांट का उद्घाटन किया जा चुका है।

दरअसल, नंगली डेयरी, ककरौला डेयरी कॉलोनी में लगभग 20,000 से ज्यादा मवेशी हैं, जिनसे हर दिन भारी मात्रा में गोबर और अपशिष्ट निकलता है। यहां से निकलने वाले गोबर सड़कों, नालों और आसपास के इलाकों को गंदा करते हैं। इसके अलावा यह गंदगी नजफगढ़ ड्रेन में जाती है, जो यमुना नदी में जाकर गिरती है। इससे यमुना में प्रदूषण बढ़ता है। इस समस्या को दूर करने के लिए बायोगैस प्लांट तैयार किया गया।

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