Delhi Bulldozer Action: दिल्ली के अशोक विहार में गरज रहे बुलडोजर, 200 से ज्यादा घरों को किया जाएगा ध्वस्त

Delhi Bulldozer Action: दिल्ली के अशोक विहार इलाके में बुलडोजर कार्रवाई की जा रही है। इस दौरान सरकारी जमीन पर बने 200 से ज्यादा मकानों को तोड़ा जा रहा है। डीडीए के अधिकारी और भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद है।

Updated On 2025-06-16 12:17:00 IST

दिल्ली में बुलडोजर एक्शन

Delhi Bulldozer Action: दिल्ली के अशोक विहार इलाके में डीडीए के अधिकारी अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पहुंच गए हैं। सुबह-सुबह भारी पुलिस बल की मौजूदगी में जेसीबी मशीनें मौके पर मौजूद हैं। दरअसल, डीडीए ने अशोक विहार के जेलर वाला बाग इलाके में सरकारी जमीन पर कब्जा करके बने 200 से ज्यादा घरों को ध्वस्त करने की तैयारी की जा रही है। डीडीए की इस कार्रवाई से उन लोगों को बड़ा झटका लगा है, जो कई सालों से इन घरों में रह रहे थे।

250 से ज्यादा पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद

उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के डीसीपी भीष्म सिंह ने इस अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान के तहत कई मकानों को ध्वस्त किया जा रहा है। इस दौरान 250 से ज्यादा पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद हैं। एसटीएफ की एक टीम भी तैनात की गई है। जेसीबी की मशीनें अवैध निर्माणों को ध्वस्त करते नजर आईं। घर तोड़ते समय स्थानीय लोगों में अफरातफरी का माहौल रहा।

डीडीए के अधिकारियों ने बताया कि इस इलाके में सरकारी जमीन पर बने मकानों को मकान बिना किसी कानूनी मंजूरी के बनाया गया था। डीडीए ने कहा कि ये अभियान दिल्ली के मास्टर प्लान को लागू करने के लिए और सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

क्या बोले DDA के अधिकारी?

डीडीए के अधिकारियों ने कहा कि इस इलाके के निवासियों को लजगह खाली करने के लिए पहले ही नोटिस दिया जा चुका था। समय सीमा खत्म होने के बावजूद भी घरों को खाली नहीं किया गया। इसके बाद अब इन घरों पर बुलडोजर चलाकर उन्हें ध्वस्त किया जा रहा है।

पहले भी अवैध अतिक्रमण पर चला बुलडोजर

बता दें कि इससे पहले भी दिल्ली के वजीराबाद, मद्रासी कैंप, कालकाजी का भूमिहीन हैंप समेत कई इलाकों में बुलडोजर चलाकर अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त किया जा चुका है। इसको लेकर अधिकारियों ने सफाई देते हुए बताया था कि इन इलाकों के लोगों ने सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से घर बनाए हैं। इसके कारण इन्हें ध्वस्त किया जा रहा है। लोगों को पहले ही नोटिस भेजा जा चुका था। इसके बावजूद भी उन्होंने घर खाली नहीं किए, जिसके कारण हमें ये कदम उठाना पड़ा। वहीं इस मामले में लोगों का कहना है कि वे कई सालों से यहां रह रहे हैं।

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