Cyber fraud: सिंगापुर से पढ़ाई कर नौकरी की तलाश कर रहे युवक के साथ ठगी, ऐसे लगाया चूना

साइबर अपराधों की वारदात लगातार बढ़ती जा रही है। ये आरोपी वारदात को अंजाम देने के लिए नए-नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। साइबर अपराधी ने एक नए तरीके से एक शख्स को ठग लिया।

By :  sapnalata
Updated On 2025-09-10 19:13:00 IST

1.3 अरब अकाउंट्स के पासवर्ड हुए ऑनलाइन लीक।

Cyber Crime: दिल्ली के बुराड़ी में साइबर ठगी का एक नया मामला सामने आया है। इस ठगी में आरोपियों ने एक पढ़े-लिखे शख्स को अपना शिकार बनाया है। आरोप है कि सिंगापुर से होटल मैनेजमेंट कर चुके शख्स को ऑस्ट्रेलियन वीजा और वहां नौकरी दिलवाने के नाम पर आरोपी ने लाखों ठग लिए। पीड़ित ने आरोपी के खिलाफ नॉर्थ साइबर पुलिस में मामला दर्ज करवाया। 

ऐसे बनाया पीड़ित को शिकार

पुलिस के मुताबिक, धर्मेंद्र (40) बुराड़ी इलाके के रहने वाले हैं। बता दें कि धर्मेंद्र ने सिंगापुर से होटल मैनेजमेंट में हॉस्पिटेलिटी व टूरिज्म मैनेजमेंट का कोर्स किया है। धर्मेंद्र सिंगापुर से पढ़ाई करने के बाद वापस इंडिया आ गए। यहां आने के बाद वे नौकरी की तलाश करने लगे। धर्मेंद्र ने कुछ महीने पहले ही नौकरी के लिए अपने वॉट्सऐप ग्रुप में मैसेज डाला था और कुछ समय बाद उनके वॉट्सऐप ग्रुप में एक मैसेज आया।

मई महीने में उनके पास एक अनजान नंबर से कॉल आई, जिसमें नौकरी दिलाने की बात कही। बात करने के दौरान कॉलर ने अपना नाम मयंक पाण्डे बताया। मयंक ने बताया कि वह उन्हें ऑस्ट्रेलियन वीजा और वहां नौकरी दिलवा देगा। आरोपी ने कहा कि वह पहले उन्हें वियतनाम भेजेगा और इसके बाद ऑस्ट्रेलिया भेजेगा। मयंक ने धर्मेंद्र से वियतनाम वीजा के लिए 10 हजार रुपये मांगे। पीड़ित ने 23 मई को ऑनलाइन रकम ट्रांसफर कर दी।

वहीं, पीड़ित ने बताया कि आरोपी ने उसके वॉट्सऐप पर वियतनाम वीजा की फोटो भेज दी। इसके बाद आरोपी ने उससे 26 हजार की मांग की। पीड़ित ने बिना सोचे समझे फिर से रकम ट्रांसफर कर दी। इसके बाद आरोपी ने उसे बताया कि ऑस्ट्रेलियन वीजा के लिए तुम्हारे अकाउंट में 3 हजार USDT(क्रिप्टो करेंसी) होने जरूरी हैं, तभी तुम्हारा वीजा लगेगा। पीड़ित के पास USDT न होने के कारण वह USDT(क्रिप्टो करेंसी) नहीं दे पाया। बाद में आरोपी ने कहा कि तुम मुझे भेज दो मैं खुद देख लूंगा।

पीड़ित ने अलग-अलग अकाउंट से एक बार 99 हजार, दूसरी बार 77 हजार समेत कई बार रकम आरोपी के खाते में ट्रांसफर कर दिए। रकम देने के बाद पीड़ित वीजा के लिए इंतजार करने लगा, लेकिन वीजा नहीं मिला और न ही रकम। पैसे ट्रांसफर होने के बाद आरोपी मयंक ने उन्हें तुरंत ब्लॉक कर दिया। जब पीड़ित को अपने साथ ठगी का एहसास हुआ। उन्होंने इस मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।

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