Aadhaar Card: मुख्य सचिव ने एलजी को लिखी चिट्ठी, कहा- 'फर्जी आधार कार्ड बनवा रहे अप्रवासी'
Aadhaar Card: दिल्ली में फर्जी आधार कार्ड को लेकर मुख्य सचिव धर्मेंद्र ने एलजी विनय कुमार सक्सेना को चिट्ठी लिखी। इसके जवाब में एलजी ने उन्हें कुछ निर्देश दिए हैं।
आधार कार्ड बनवाने के लिए एलजी वीके सक्सेना ने दिए निर्देश।
Aadhaar Card: दिल्ली में फर्जी दस्तावेजों की मदद से आधार कार्ड बनवाने वाले धारकों पर सख्त एक्शन लिया जा रहा है। इसको लेकर दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र ने एलजी विनय कुमार सक्सेना को चिट्ठी लिखकर आधार कार्ड जारी करने के नियमों को ज्यादा सख्ती से लागू करने की मांग की है। हालांकि इसके जवाब में एलजी ने भी चिट्ठी लिखी और इस समस्या का समाधान करने के लिए मुख्य सचिव को कुछ निर्देश दिए हैं।
11 जुलाई को इसके जवाब में एलजी वीके सक्सेना ने एक पत्र लिखा। इस पत्र में एलजी ने मुख्य सचिव धर्मेंद्र को 15 जुलाई तक दिल्ली के सभी आधार नामांकन केंद्रों से विस्तृत सूची उपलब्ध कराने की मांग की है। इसके अलावा रजिस्ट्रार, UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) को आधार नामांकन के लिए अधिकृत संस्थाओं को भी दो महीने के अंदर नामांकन के आंतरिक मॉडल को अपनाने के निर्देश दिए गए हैं।
एलजी ने पत्र में लिखा कि इस नए मॉडल के तहत आधार कार्ड बनवाने और उसमें अपडेट कराने के लिए अब तीसरे पक्ष के विक्रेता नहीं बल्कि रजिस्ट्रार देखरेख करेंगे। मुख्य सचिव को निर्देश दिए गए कि वे संभागीय कमिश्नर की देखरेख में हर महीने ऑडिट कराएं।
एलजी की तरफ से भेजे गए पत्र में लिखा गया कि अवैध अप्रवासी लोग झूठे दस्तावेजों या गलत बयानी के जरिए आधार कार्ड हासिल करते हैं। आधार कार्ड की अवैध प्राप्ति से व्यक्तियों को अपनी राष्ट्रीयता साबित करने वाले दस्तावेज बनवाने में मदद मिलती है। इसके अलावा वे राज्य और केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का भी लाभ उठाते हैं।
आधार कार्ड हासिल करने के बाद दिल्ली में अवैध तरीके से रह रहे लोग नौकरियां पा लेते हैं और इसके कारण स्थानीय श्रम बाजारों में मंदी आ जाती है। इससे दिल्ली के और भारतीय लोगों पर इसका असर पड़ता है।
उपराज्यपाल सचिवालय की तरफ से कहा गया कि वर्तमान समय में दिल्ली में आधार विनियम 2016 के तहत रजिस्ट्रार को सौंपी गई जिम्मेदारियों पर नए सिरे से विचार किया जाना चाहिए। खासकर क्षेत्र स्तरीय कार्यान्वयन, निगरानी और सत्यापन की प्रक्रिया में इसकी जरूरत बढ़ गई है।