दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों की मनमानी: आप ने बांटे पर्चे, नए कानून को बताया अभिभावकों से धोखा

आम आदमी पार्टी ने स्कूल फीस को लेकर बने नए कानून के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। इस कड़ी में प्राइवेट स्कूलों के बाहर पर्चे बांटे जा रहे हैं। जानिये कौन सी खामियां गिनवाई जा रही हैं।

Updated On 2025-08-19 13:48:00 IST
आप नेता सौरभ भारद्वाज प्राइवेट स्कूल फीस पर नए कानून के खिलाफ पर्चे बांटते हुए। 

दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए सीएम रेखा गुप्ता की सरकार नया कानून लेकर आई, लेकिन आम आदमी पार्टी ने इसे मिडल क्लास अभिभावकों के लिए धोखा करार दिया है। आप के तमाम नेता आज सड़कों पर उतरकर पर्चे बांट रहे हैं, जिसमें इस नए कानून की खामियां उजागर कर अभिभावकों को जागरू करने के लिए प्रेरित करने का दावा कर रहे हैं।

आम आदमी पार्टी, दिल्ली के प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज भी आज कई जगह स्कूलों को दौरा किया। उन्होंने अभिभावकों को पर्चे बांटकर स्कूल फीस को लेकर नए कानून की खामियां गिनवाईं। उन्होंने कहा कि दिल्ली की भाजपा सरकार के बनते ही ज्यादातर प्राइवेट स्कूलों ने मनमानी फीस बढ़ा दी। अब प्राइवेट स्कूलों की लूटखसोट को कानूनी जामा देने के लिए नया कानून लाया गया है। यह नया नया कानून अभिभावकों के पक्ष में नहीं बल्कि उनके खिलाफ है। जबकि प्राइवेट स्कूलों के लिए यह कानून ढाल बनेगा।

उन्होंने कहा कि इस कानून में बताया गया है कि अगर कोई स्कूल ज्यादा फीस बढ़ाता है और अभिभावक इसके खिलाफ शिकायत करना चाहे तो शिकायत पत्र में कम से कम 15 पर्सेंट अभिभावकों के हस्ताक्षर होना जरूरी है। मतलब यह कि अगर 3000 बच्चों वाला स्कूल है तो कम से कम 450 अभिभावकों के साइन कराने होंगे, जो कि नामुमकिन है।

उन्होंने कहा कि इस नए कानून में प्राइवेट स्कूलों में ऑडिट का भी प्रावधान नहीं किया गया है। अगर ऑडिट नहीं होगी तो फिर गड़बड़ियां कैसे पकड़ में आएंगी। आप नेता ने कहा कि पहले अभिभावक मनमानी फीस बढ़ोतरी के खिलाफ न्यायालय चले जाते थे, लेकिन अब फीस विवादों के लिए सिविल कोर्ट जाने का रास्ता भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।

इसके अलावा, डीडीए की जमीन पर बने 350 से अधिक बड़े स्कूलों को सरकार से भी अनुमति नहीं लेनी होगी। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि यह नया कानून अभिभावकों के हित में नहीं बल्कि प्राइवेट स्कूलों के हित में है।   

Similar News