यमुना की सफाई को लेकर कवायद तेज: लगाए जाएंगे 32 मॉनिटरिंग सिस्टम, सीधा DPCC के सर्वर पर पहुंचेगा डेटा

Delhi Yamuna Cleaning: दिल्ली की यमुना नदी को साफ करने के लिए दिल्ली सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इसके लिए दिल्ली सरकार ने 32 मॉनिटरिंग सिस्टम लगाने का फैसला लिया है।

Updated On 2025-05-22 13:25:00 IST

Delhi Yamuna Cleaning: दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनते ही सबसे पहले यमुना की सफाई को लेकर निर्णय लिया गया। बीजेपी सरकार ने यमुना नदी की सफाई को प्राथमिकता देते हुए काम शुरू किया। इसके बाद यमुना सफाई को लेकर एक के बाद एक निर्णय लिए जा रहे हैं। हाल ही में सीएम ने यमुना सफाई को लेकर एक और बडा कदम उठाया है। इस पहल के तहत यमुना की निगरानी और उसमें गिरने वाले नालों की निगरानी के लिए 32 रियल टाइम वॉटर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगाए जाना प्रस्तावित है।

लगाए जाएंगे 32 मॉनिटरिंग सिस्टम

इनमें से 10 रियल टाइम वॉटर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन यमुना नदी पर लगाए जाएंगे। बाकी के 22 स्टेशन दिल्ली के बड़े नालों पर लगाए जाएंगे। इन स्टेशनों की मदद से पानी की गुणवत्ता पर निगरानी रखी जाएगी। इसका डेटा सीधा दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के सर्वर पर भेजा जाएगा। इस तकनीक से पानी में कौन-कौन से प्रदूषणकारी तत्व हैं और कितनी मात्रा में हैं, इसका पता लग जाएगा।

इन जगहों पर लगाए जाएंगे सिस्टम

बता दें कि यमुना नदी के ओखला बैराज, आईटीओ ब्रिज, आईएसबीटी ब्रिज, निजामुद्दीन ब्रिज व अन्य जगहों पर स्टेशन लगाए जाएंगे। इसके अलावा, प्रमुख नालों जैसे- नजफगढ़, स्वीपर कॉलोनी, मेटकॉफ हाउस आदि के पास रियल टाइम वॉटर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगाए जाएंगे। साथ ही सीमावर्ती इलाकों के नालों में जैसे सोनीपत (सिंघु बॉर्डर), शाहदरा, साहिबाबाद, बहादुरगढ़ और बनठिया इलाकों में ये स्टेशन लगाए जाएंगे।

साल के अंत तक शुरू हो जाएगी परियोजना

इस मामले में दिल्ली सरकार का कहना है कि साल 2025 के अंत तक ये सभी स्टेशन काम करना शुरू कर देंगे। इस परियोजना के लिए टेंडर प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है। इस फैसले से यमुना नदी की सफाई में मदद मिलने की उम्मीद है। बता दें कि दिल्ली की यमुना सफाई दिल्ली सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। दिल्ली एनसीआर के गंदे नाले यमुना नदी में गिरते हैं, जिसके कारण यमुना की सफाई संभव नहीं हो सकी है। इसको ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने यमुना नदी और इसमे गिरने वाले कूड़े पर नजर रखने की रणनीति बनाई है। इसके तहत 32 जगहों पर रियल टाइम वॉटर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगाने का फैसला लिया गया है।

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