पर्युषण पर्व: दिगंबर जैन जिनालयों में हुई उत्तम शौच धर्म की आराधना, मंदिरों में हुआ अभिषेक और पूजन
दिगंबर जैन समाज ने पर्युषण पर्व के दसलक्षण पर्व के चौथे दिन रायपुर के श्री श्री आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर की सभी वेदियों में विशेष आयोजन हुए।
मंदिर में अभिषेक और पूजन
रायपुर। दिगंबर जैन समाज ने पर्युषण पर्व के दसलक्षण पर्व के चौथे दिन रविवार को उत्तम शौच धर्म मनाया। राजधानी रायपुर के श्री श्री आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर की सभी वेदियों में विशेष आयोजन हुए।
सुबह से ही मंदिरों में श्री जी का अभिषेक, शांतिधारा और शौच धर्म की पूजा की गई। पुष्पदंत नाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक के अवसर पर भगवान को लड्डू अर्पित किए। पूर्व उपाध्यक्ष श्रेयश जैन बालू ने शौच धर्म का महत्व समझाया। उन्होंने कहा कि शौच धर्म का अर्थ है लोभ न करना। मन में शुद्धि और पवित्रता को धारण कर लोभ का त्याग करना ही शौच धर्म है। उन्होंने बताया कि जिस तरह शरीर को बाहर से साफ किया जाता है, उसी तरह मन को भी साफ करना शौच धर्म का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि मनुष्य भौतिक सुख पाने के लिए लोभ के वश में होकर गलत कार्य कर लेता है। इससे बाद में उसे कष्ट भोगना पड़ता है। इसलिए सभी को शौच धर्म का पालन कर लोभ का त्याग करना चाहिए।
ये वरिष्ठ लोग रहे उपस्थित
कार्यक्रम में मंगल आरती के साथ देव शास्त्र गुरु पूजन,दस लक्षण पूजन,मोक्ष कल्याणक पूजन,निर्वाण कांड पढ़ कर लाडू चढ़ाया गया। इस अवसर पर पूर्व उपाध्यक्ष श्रेयश जैन बालू, इंजीनियर राजीव जैन, अशोक जैन, आदेश जैन, संदीप जैन, श्रद्धेय जैन, नीरज जैन, नरेंद्र जैन, निलेश जैन, राज जैन, कृष जैन, उपस्थित थे।