शिक्षा, नवाचार, कौशल विकास का नया युग: छत्तीसगढ़ शासन, आईआईएम, एनआईटी, ओसवाल फाउंडेशन में त्रिपक्षीय एमओयू

रायपुर में सीएम विष्णु देव साय की मौजूदगी में आईआईएम रायपुर, एनआईटी रायपुर और मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के बीच 172 करोड़ रुपये के त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर।

By :  Ck Shukla
Updated On 2025-08-08 16:35:00 IST

कार्यक्रम में उपस्थित सीएम विष्णु देव साय

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में शुक्रवार को छत्तीसगढ़ में शिक्षा, कौशल विकास और नवाचार के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत हुई। यह कार्यक्रम राजधानी स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम आयोजित हुआ।

इस कार्यक्रम में सीएम साय छत्तीसगढ़ शासन, भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) रायपुर, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) रायपुर और मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के मध्य हुए त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर के साक्षी बने। इस समझौते के अंतर्गत स्थापित होने वाले उद्यमिता केंद्र का निर्माण वर्ष 2025-26 में प्रारंभ होगा तथा इसे वर्ष 2027-28 तक पूर्ण रूप से क्रियाशील करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

गांव-गांव तक पहुंचेगी शिक्षा, कौशल और नवाचार की क्रांति- मुख्यमंत्री श्री साय
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि, हस्ताक्षरित एमओयू से 'छत्तीसगढ़ अंजोर विजन' को साकार करने में महत्वपूर्ण सहायता प्राप्त होगी। इस साझेदारी से प्रदेश में गांव-गांव तक शिक्षा, कौशल विकास और नवाचार की क्रांति पहुंचेगी, जो युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि, इस त्रिपक्षीय समझौते के तहत 'मिथिलेश अग्रवाल नवाचार एवं उद्यमिता उत्कृष्टता केंद्र' की स्थापना की जाएगी, जो युवाओं को शोध, प्रयोग और उद्यमिता के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने का कार्य करेगा।


संसाधन-आधारित नहीं, नवाचार-आधारित अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करेगा छत्तीसगढ़- मुख्यमंत्री श्री साय
उन्होंने यह भी कहा कि, यह उत्कृष्टता केंद्र केवल आईआईएम या एनआईटी के विद्यार्थियों तक सीमित न रहे, बल्कि गांव-गांव के युवाओं को भी लाभान्वित करे। मुख्यमंत्री ने उद्योग जगत से भी इस शिक्षा और कौशल विकास के आंदोलन से जुड़ने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री साय ने आगे कहा कि, छत्तीसगढ़ अब कोर सेक्टर के साथ-साथ सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फार्मा, डिफेंस, एयरोस्पेस और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में तेज़ी से अग्रसर हो रहा है। बीते 20 महीनों में किए गए साढ़े तीन सौ से अधिक सुधारों के परिणामस्वरूप राज्य में निवेश का अनुकूल वातावरण निर्मित हुआ है और केवल आठ माह में 6.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।

किसानों के लिए बनेगा देश का सबसे बड़ा प्रशिक्षण केंद्र
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि, हम सभी यह संकल्प लें कि छत्तीसगढ़ को संसाधन-आधारित नहीं, बल्कि नवाचार-आधारित अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने वाला राज्य बनाएंगे। जहाँ युवा बदलाव के वाहक बनें और उद्यमिता से समाज को दिशा दें। मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के सह-संस्थापक एवं चेयरमैन रामदेव अग्रवाल ने कार्यक्रम में रायपुर में किसानों हेतु देश का सबसे बड़ा प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि, छत्तीसगढ़ एक अत्यंत समृद्ध प्रदेश है, जिसमें विकास की अपार संभावनाएं हैं। उनका फाउंडेशन इस विकास यात्रा में पूर्णतः समर्पित है। श्री अग्रवाल ने बताया कि, फाउंडेशन ने अपनी कुल निधि का 10 प्रतिशत समाज कल्याण के लिए समर्पित करने का निर्णय लिया है, जिसका उपयोग शिक्षा, कौशल और कृषि से संबंधित कार्यों में किया जाएगा।

मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन का 172 करोड़ रुपये का योगदान
मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन ने आईआईएम रायपुर एवं एनआईटी रायपुर को कुल 172 करोड़ रुपये का दान देने की घोषणा की है। इसमें से 101 करोड़ रुपये आईआईएम रायपुर को तथा 71 करोड़ रुपये एनआईटी रायपुर को प्रदान किए जाएंगे। इस दानराशि से आईआईएम रायपुर में 'ओसवाल छात्रावास' के 202 कमरे और 'दाऊ राम गोपाल अग्रवाल नॉलेज सेंटर' की स्थापना की जाएगी। इसके अतिरिक्त अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी की शीर्ष संस्थाओं के सहयोग से छह अंतरराष्ट्रीय एमबीए कार्यक्रम प्रारंभ किए जाएंगे।

10,000 से अधिक युवाओं को देगा प्रशिक्षण
इसी प्रकार, एनआईटी रायपुर में 'श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' की स्थापना की जाएगी, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ब्लॉकचेन और क्लीन एनर्जी जैसे डीप-टेक क्षेत्रों पर कार्य करेगा। यह केंद्र वर्ष 2030 तक 10,000 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण देगा, 250 से अधिक स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट करेगा और 5,000 से अधिक कुशल नौकरियों का सृजन करेगा। यह पहल छत्तीसगढ़ की औद्योगिक आवश्यकताओं – विशेषकर खनन, इस्पात और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्रों के अनुरूप विकसित की गई है। यह स्थानीय उद्योगों के साथ मिलकर वास्तविक समस्याओं के समाधान पर केंद्रित रहेगी।

ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारीक, उच्च शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के सचिव श्री एस. भारतीदासन, छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विजय दयाराम के, एनआईटी रायपुर के चेयरमैन डॉ. सुरेश हावरे, आईआईएम रायपुर के चेयरमैन पुनीत डालमिया, एनआईटी के निदेशक एन. वी. प्रसन्ना राव, आईआईएम रायपुर के प्रभारी निदेशक डॉ. संजीव पाराशर, प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षाविद एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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