शबाब पर जतमई-घटारानी का झरना : पानी आते ही सैलानियों की उमड़ी भीड़, दूर-दूर से पहुंचने लगे पर्यटक 

विलंब से ही सही लेकिन अब छत्तीसगढ़ का प्रयागराज कहलाने वाले राजिम शहर के त्रिवेणी संगम पर पानी आ गया है। वहीं आसपास के झरने भी गुलजार होने लगे हैं। 

By :  Ck Shukla
Updated On 2024-07-16 20:13:00 IST
जतमई-घटारानी का मनमोहक झरना

श्यामकिशोर शर्मा- राजिम। काफी इंतजार के बाद राजिम क्षेत्र में मानसूनी बारिश हुई तो नदी, नाले और झरने सभी ऊफान मारने लगे। एक तरफ जंगल और पहाड़ों से घिरा सुप्रसिद्ध जतमई-घटारानी में झरने का आनंद लेने बड़ी संख्या में लोग पहुंचने लगे हैं तो दूसरी ओर राजिम के तीन नदियों के संगम में भी पानी की धार देखने लायक है। हालांकि यह इस साल की पहली बाढ़ है। कुछ घंटों के लिए नदी के बीच कुलेश्वर महादेव मंदिर का चबूतरा भी थोड़ा घिर आया था परंतु धीरे-धीरे बाढ़ का पानी उतरने लगा है। 

सीजन की पहली तगड़ी बारिश के साथ ही राजिम और नवापारा शहर के युवक-युवतियां बड़ी संख्या में अपने संसाधनों से प्राकृतिक झरने का आनंद लेने यहां से करीब 25-30 किमी दूर घटारानी और जतमई पहुंचे। वहां से लौटकर आने पर बताया कि दूर-दूर से लोग इस झरने का आनंद लेने नहाने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचने लगे हैं। पहाड़ियों के ऊपर से झरने की आवाज रोमांचित कर देने वाली है। इस रोमांचित वातावरण में पिकनिक मनाने वाले सैलानियों की मानो बाढ़ आई हुई है। पहली बारिश होने के साथ ही गर्मी से ऊब चुके लोग अपने परिवार और मित्र मंडलियों के साथ यहां आकर अपने ग्रुपों में खाना भी बना रहे हैं और सामूहिक रूप से बैठकर इसका आनंद भी ले रहे हैं। 

वाहनों की भीड़ के चलते होते हैं हादसे 

बता दें कि अब चाहे वह रविवार हो अथवा दीगर पर्वों की छुट्टी, घटारानी और जतमई में भीड़ उमड़ेगी। वैसे दोनों ही देवी मां का स्थल धार्मिक और पर्यटन के दृष्टिकोण से आसपास के कई जिलों में ख्याति प्राप्त किया हुआ है। अतएव राजिम से लेकर घटारानी और जतमई मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें भी सड़कों पर देखने को मिलेगी। इन वाहनों में एक-दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ भी मचेगी। क्योंकि पिछले वर्षो में होड़ के चलते वाहनों के बीच कई घटना-दुर्घटना भी हुई है। सड़क पर कहीं-कहीं झगड़ा और फसाद भी हुआ है। लिहाजा पुलिस प्रशासन को इस पर अतिरिक्त सुरक्षात्मक सतर्कता बरतना होगा। वैसे भी बारिशकाल लगते ही घटारानी-जतमई का सौंदर्य प्राकृतिक झरने के कारण बढ़ जाती है।

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