पार्थ तिवारी ने बढ़ाया छत्तीसगढ़ का गौरव : ISRO के इस पूर्व यंग साइंटिस्ट ने IIM बेंगलोर में जीता गोल्ड मेडल

पूर्व इसरो वैज्ञानिक पार्थ तिवारी ने आईआईएम बैंगलोर में स्वर्ण पदक जीता, राज्य में एआई नवाचार और युवा सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। 

By :  Ck Shukla
Updated On 2025-04-26 10:22:00 IST
पार्थ तिवारी (ईपीजीपी) स्वर्ण पदक विजेता - प्रथम रैंक

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुंगेली निवासी पार्थ तिवारी, जो आईआईटी गुवाहाटी से स्नातक हैं और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व वैज्ञानिक हैं, ने आईआईएम बैंगलोर ईपीजीपी (Executive post graduate programme in management ) कार्यक्रम में स्वर्ण पदक हासिल मुंगेली के साथ-साथ छत्तीसगढ़ का भी नाम रोशन किया। पार्थ ने मुंगेली के एक स्कूली छात्र से इसरो वैज्ञानिक बनने तक के अपने विजन और सफर को साझा किया। 

पार्थ वर्तमान में वैश्विक मंच पर भारत की तकनीकी और रणनीतिक उन्नति के लिए काम कर रहा है। पार्थ ने कहा, उनके पिता शिक्षक हैं, सौभाग्य से उन्हें अपने घर में पढ़ाई के लिए अनुकूल माहौल भी मिला। उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और नियमित और व्यावहारिक अध्ययन पर ध्यान केंद्रित किया और आईआईटी में सफलता हासिल की। 2017 में बीटेक के तुरंत बाद मुझे एरोनॉटिक्स और एस्ट्रोनॉटिक्स में एमएस करने के लिए स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में शामिल होने का प्रस्ताव मिला था, लेकिन मैंने इसरो को प्राथमिकता दी और चंद्रयान-3 पर काम किया।

 

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