पंचायत का तुगलकी फरमान : कब्जा हटाने के नाम खड़ी फसल को कर दी मवेशियों के हवाले, काटने तक का नहीं दिया समय

लोरमी में  सैकड़ों एकड़ भूमि पर किसानों के कब्जे की खेती को हटाने के लिए पंचायत के आदेश के बाद हरी भरी खेतीं को पशुओं के चरने के लिए कर दिया। 

By :  Ck Shukla
Updated On 2024-09-18 13:08:00 IST
फसलों को चरते हुए मवेशी

राहुल यादव-लोरमी। छत्तीसगढ़ के लोरमी जिले में अवैध जमीन पर हो रही फसलों को पशुओं को चरा दिया गया। कब्जे की सैकड़ों एकड़ जमीन पर गांव के किसान खेती कर रहे थे। जिस पर पंचायत ने आदेश सुनाते हुए हरी-भरी फसलों को पशुओं के हवाले कर दिया गया। किसानों ने फसलों को काटने तक दो महीने का समय मांगा था।  

दरअसल यह पूरा मामला सेमरसल के आश्रित नवागांव बटहा का है। जहां पर गांव के सैकड़ों एकड़ भूमि में दर्जनभर से अधिक गांव के किसान कई सालों से कब्जा कर खेती कर रहें है। इसी कब्जे को हटाने के लिए पंचायत के प्रतिनिधि ने आदेश जारी किया। जिसके बाद हरी भरी खेतीं को पशुओं के चरने के लिए कर दिया। इस फैसले पर ग्रामीणों ने दो महीने की समय मांगी थी। ताकि उनका फसल उन्हें मिल सके। जिसके बाद वो खुद जमीन छोड़ देंगे। इसके बाद भी उनकी एक नहीं सुन रहे हैं। किसानों ने कहा की नोटिस की कॉपी तहसीलदार से न मिलकर पंचायत से मिला है। 

किसानों ने दो महीने का मांगा  समय 

लहलहाती फसल एक महीने में कट जाती। लेकिन उस फसल को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। यहां गरीब किसानों की सुनने वाला कोई नहीं है। किसानों ने दो महीने का समय मांगा है, ताकि उनके फसलों को कोई नुकसान न पहुंचे। जिसके बाद अतिक्रमण जमीन को छोड़ देंगे। देखना होगा कि प्रशासन कब तक इस पूरे मामले में संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करेगा।

किसानों ने कब्ज़ा हटाने के लिए समय मांगा

नोटिस की बाद भी नहीं हटा कब्ज़ा 

इस मामले को लेकर सेमरसल गांव के सरपंच प्रतिनिधि वीर सिंह नेताम ने बताया कि कब्जा करने वाले किसानों को तीन बार नोटिस जारी किया जा चुका है।
इसके बाद भी कब्ज़ा नहीं हटाने पर फसलों में 200 से अधिक मवेशियों को चरने के लिए छोड़ दिया गया। यदि इसी तरह का कब्ज़ा आगे भी रहेगा तो इसके लिए गांव के यादवों को फसल नुकसान पहुंचाने के लिए कहा गया है। मवेशी चराने की कार्यवाही पंचायत का सामूहिक निर्णय है। जबकि यह कार्यवाही एसडीएम के सामने शुरू हुआ था। इस बीच यहां के धान को पंजीयन केंद्रों में बेचने का आरोप भी कब्जाधारियों पर लगाया है। 

सैकड़ों एकड़ जमीन पर है कब्ज़ा 

लोरमी के SDM अजीत पुजारी ने बताया की जनदर्शन में शिकायत मिली थी कि गांव में करीब 70-80 एकड़ जमीन पर कब्जा है। यह सिद्धबाबा आश्रम के पास की जमीन है। जहां 54 अतिक्रमणकारियों ने सब्जी भाजी और धान की खेती हो रही है, जो अवैध था। कई बार नोटिस देने के बाद भी किसान नहीं मान रहें थे। जिसके बाद प्रशासन ने कार्यवाही कर 70 एकड़ जमीन अतिक्रमण मुक्त कराया है। SDM ने बताया कि ग्राम पंचायत में प्रस्ताव पारित कर ग्रामीणों को कब्जा हटाने नोटिस जारी किया गया था। 


 

Similar News