खूंटे में बंधा 'जल जीवन मिशन': पानी का इंतजार कर थक गए लोग, तो नलों में बांध रहे गाय- बकरी
पेंड्रा जिले के ग्रामीण लंबे समय से जल जीवन मिशन के तहत लगे नलों से पानी का इंतजार कर थक गए हैं। हालत यह है की परेशान ग्रामीण अब नल में गाय- बकरी बांधकर योजना की पोल खोल रहे हैं।
जल जीवन मिशन के तहत लगाए गए नल बंधा मवेशी
आकाश पवार- पेंड्रा। छत्तीसगढ़ के पेंड्रा जिले में 'जल जीवन मिशन' तहत नल तो लग गया है लेकिन गावों में अब पानी सप्लाई नहीं हो पाया है। लंबे समय से जल का इंतजार कर लोग थक गए हैं। जिसके बाद अब उन्होंने बकरी और गायों को नल से बांधना शुरू कर दिया है। इससे जाहिर होता है कि, शासन की जल जीवन मिशन, नल- जल योजना सिर्फ कागजों में सिमटी नजर आ रही है।
जिले के दूरस्थ गांव टीकरखुर्द आमगांव और घाटबहरा में पानी की भारी किल्लत है। गांवों की दीवारों में जल जीवन मिशन के स्लोगन तो जगह- जगह देखने को तो मिल रहे हैं। लेकिन ठीक इससे उलट इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि, सालों पहले अधिकारी और ठेकेदार घर घर में साफ पानी का सपना दिखाकर नल कनेक्शन लगाए थे पर आज तक इन नलों में साफ पानी तो दूर एक बूंद पानी भी आज तक नहीं पहुंच सका है। ग्रामीण अब परेशान होकर इन नलों का उपयोग अपने मवेशियों को बांधने के लिए कर रहे हैं।
खूंटे से बंधा सरकारी योजना
सरकारी योजना खूंटे में यह हम नहीं कह रहे बल्कि ये तस्वीरें खुद बयां कर रही है कि कैसे शासन की योजनाओं को धरातल में खूंटे में बांध दिया गया है। लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत हर घर नल जल योजना की शुरुआत किया गया था। पर यह योजना सिर्फ नाम की ही रह गई है।
गर्मी में होती है पानी की किल्लत
उनका कहना है कि, जब इन नलों में पानी नहीं आ रहा है और यह जगह भी घेर रहा है। ऐसे में हम मजबूर होकर अपने मवेशियों को इन नलों में बांधने को मजबूर है। कई घरों के बाहर लगे नल भी टूट कर जर्जर हो चुके हैं। सालों से ये ग्रामीण इसी तरह पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। गांव के ग्रामीण पानी के लिए गर्मी हो या बरसात जद्दोजहद करते हैं गर्मी में जहां हैंड पंप सूखने के बाद कई किलोमीटर दूर से पानी लाते हैं तो वही बरसात में गिरते पानी में अपने घरों से दूर स्थित हैंडपंप से पानी लाने के लिए मजबूर हैं।
जिम्मेदारों को सुध नहीं
गांव के ग्रामीणों में अब इस जल जीवन मिशन के तहत लगाए गए नल से जल मिलने की उम्मीद भी छोड़ चुके हैं। वहीं प्रशासनिक अधिकारी भी ग्रामीणों की सूचनाओं की अनदेखी कर रहे हैं। जिसके चलते अब ये सवाल उठने लगे हैं कि आखिर कब तक इस जल संकट से गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के ग्रामीण लोगों को निजात मिल सकेगी।
उम्मीदों पर फिरा पानी
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला बनने के बाद लोगों को अपनी मूलभूत सुविधाओं को लेकर शासन प्रशासन से काफी उम्मीदें थी। लेकिन धरातल में कुछ और ही देखने को मिल रहा है। सरकार के जल जीवन मिशन,नल जल योजना के तहत चलाए गए विभिन्न योजनाएं फेल होते नजर आ रहा है। वहीं संबंधित अधिकारी- कर्मचारी और ठेकेदार इस पर पलीता लगा रहे हैं।