गृहमंत्री शर्मा सुकमा में रचेंगे इतिहास: आत्मसमर्पित नक्सली महिलाएं बांधेंगी राखी, बोले- मजबूत होगा विश्वास

रक्षाबंधन आत्मसमर्पित नक्सली महिलाएं छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा को राखी बाँधेंगी। इसको लेकर शर्मा ने बताया कि, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा और शांति के लिए एक प्रयास है।

Updated On 2025-08-07 14:57:00 IST

 आत्मसमर्पित नक्सली महिलाएं गृहमंत्री विजय शर्मा को रक्षाबंधन के दिन बाँधेंगी राखी

लीलाधर राठी- सुकमा। छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा रक्षाबंधन के दिन सुकमा जिले के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान जिले में रक्षाबंधन कार्यक्रम में शिरकत करेंगे, जहां पर आत्मसमर्पित नक्सली महिलाएं रक्षाबंधन के दिन राखी बांधेंगी। वहीं विजय शर्मा इस दिन दंतेवाड़ा भी जायेंगे। जहां आत्मसमर्पण कर चुकी नक्सली महिलाएं और दंतेश्वरी फाइटर्स की महिला कमांडो उन्हें राखी बांधेंगी।

रक्षाबंधन के अवसर पर गृहमंत्री शर्मा सुकमा जिले के पुनर्वास केंद्र का भ्रमण करेंगे। जहां आत्मसमर्पित नक्सली महिलाएं राखी बांधेंगी। यह आयोजन राज्य सरकार की पुनर्वास नीति की दिशा में एक संवेदनशील पहल है, जिसके माध्यम से नक्सलवाद छोड़ चुकी महिलाओं को समाज में पुनः सम्मानजनक जीवन की ओर अग्रसर किया जा रहा है।सरकार द्वारा नक्सल प्रभावित जिलों में पुनर्वास नीति के अंतर्गत आत्मसमर्पण करने वाले व्यक्तियों को न केवल सुरक्षा प्रदान की जा रही है, बल्कि उन्हें शिक्षा, स्वरोजगार, कौशल प्रशिक्षण और सामाजिक पुनःस्थापना का अवसर भी दिया जा रहा है। रक्षाबंधन पर यह आयोजन इसी प्रक्रिया की एक अभिव्यक्ति है।

हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में आने वालों का स्वागत - विजय शर्मा
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि, शासन की मंशा है कि जो लोग हिंसा का मार्ग छोड़कर समाज में लौटना चाहते हैं, उन्हें हरसंभव सहायता और मार्गदर्शन दिया जाए। रक्षाबंधन जैसे सामाजिक पर्वों के माध्यम से यह संदेश भी देना आवश्यक है कि शासन और प्रशासन ऐसे लोगों को स्वीकार करता है और उन्हें आगे बढ़ने का अवसर देता है।

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुविधाओं का हो रहा विस्तार
शर्मा ने कहा- राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं कि लोग विकास की मुख्यधारा से जुड़ें, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं इन क्षेत्रों तक पहुंचे और युवाओं को रोजगार के अवसर मिलें। रक्षाबंधन का यह आयोजन केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि शासन और जनता के बीच विश्वास के सेतु को और मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

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