दो दिवसीय प्रशिक्षण: प्राचार्यों को मिली ट्रेनिंग, 6 मास्टर ट्रेनर्स ने सिखाए पढ़ाने के गुर
बेमेतरा जिले के ईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों के प्राचार्यों का दो दिवसीय प्रशिक्षण प्रारम्भ हुआ। इस दौरान संकुल प्राचार्यों को 6 मास्टर ट्रेनर्स ने प्रशिक्षण दिया।
हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों के प्राचार्यों का दो दिवसीय प्रशिक्षण
बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के सभी हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों के प्राचार्यों का दो दिवसीय प्रशिक्षण सोमवार से शुरू हुआ। प्रथम दिवस में बेमेतरा और नवागढ़ विकासखंड के प्राचार्य ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। डाइट प्राचार्य ने कहा कि, सभी प्राचार्य यहां से प्रशिक्षण प्राप्त कर 20 अगस्त को अपने-अपने संकुल केन्द्र में प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। उनकी मॉनिटरिंग सीधे राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद रायपुर करेगी।
दरअसल, मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान 2025 के अंतर्गत बेमेतरा जिले के सभी हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों के प्राचार्यों का दो दिवसीय प्रशिक्षण जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डाइट बेमेतरा में प्रारम्भ हो गया। प्राचार्य जे के घृतलहरे ने संबोधित करते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान में संकुल प्राचार्यों का मुख्य दायित्व विद्यालय में शैक्षणिक वातावरण को बेहतर बनाना और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है। इसके लिए, उन्हें शिक्षकों को प्रेरित करना, आधुनिक शिक्षण विधियों का उपयोग करना, और छात्रों के सीखने की प्रक्रिया को प्रभावी बनाना होगा।
प्रशिक्षण से शिक्षा की गुणवत्ता में आएगा सुधार - प्राचार्य घृतलहरे
प्राचार्य जेके घृतलहरे ने कहा- मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान में प्राचार्य को यह सुनिश्चित करना होगा कि, कक्षा शिक्षण में सुधार हो, शिक्षक आधुनिक शिक्षण विधियों का उपयोग करें, और छात्रों को सक्रिय रूप से सीखने में शामिल किया जाए। प्राचार्य को शिक्षकों को प्रेरित करना होगा और उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करना होगा ताकि वे छात्रों को बेहतर ढंग से पढ़ा सकें। प्राचार्य को पालक-शिक्षक बैठकों को प्रभावी ढंग से आयोजित करना होगा।
प्राचार्य को नेतृत्वकर्ता के रूप में करना होगा काम
प्राचार्य घृतलहरे बताया कि, प्राचार्य को एक ऐसा वातावरण बनाना होगा जो सीखने के लिए अनुकूल हो, जहां छात्र सुरक्षित और सहज महसूस करें। प्राचार्य को विद्यालय में उपलब्ध संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग करना होगा। प्राचार्य को एक नेतृत्वकर्ता के रूप में काम करना होगा जो विद्यालय के शैक्षणिक प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हो।
सामाजिक अंकेक्षण आयोजन दल का होगा गठन
प्राचार्य घृतलहरे बताया कि, सामाजिक अंकेक्षण के सफल आयोजन के लिए प्रत्येक शालाओं में सामाजिक अंकेक्षण आयोजन दल का गठन किया जाएगा। इस अंकेक्षण समिति में संकुल क्षेत्र के दूरस्थ शालाओं के प्रधान पाठक या प्राचार्य अंकेक्षण प्रमुख होंगे। स्थानीय पंचायत या वार्ड के एक प्रतिनिधि, शाला प्रबंधन समिति के एक सक्रिय सदस्य, समुदाय से ऐसे अनुभवी व्यक्ति जिन्हें सामाजिक अंकेक्षण का अनुभव हो और बच्चों के गुणवत्ता उन्नयन में रुचि रखने वाले सेवानिवृत्त शिक्षक रहेंगे।
मास्टर ट्रेनर्स ने प्राचार्यों को सिखाए गुर
प्रथम दिवस के प्रशिक्षण के तीसरे चरण में मास्टर ट्रेनर्स दीपिका साहू ने हायर सेकेंडरी स्तर पर रुब्रिक्स में दिये गए 20 प्रश्नों पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही और प्रश्नों पर किस प्रकार सामाजिक अंकेक्षण किया जाना चाहिए, यह बताया। मास्टर ट्रेनर्स उद्धव कुमार साहू ने कहा कि, तीन क्षेत्रों को लेकर आकलन किया जाएगा। बालक, शिक्षक और विद्यालय। एससीईआरटी डी पी आई, समग्र शिक्षा। यह आकलन बिंदुओं के आधार पर होगा। मास्टर ट्रेनर्स जितेंद्र मास्टर ट्रेलर्स जितेंद्र सिन्हा ने बताया कि, समिति में पांच सदस्य रहेंगे। जो मिलकर आकलन करेंगे। मास्टर ट्रेनर्स विकेश कुमार यादव ने अंकेक्षण टीम के गठन से लेकर आकलन करने तक की पूरी प्रक्रिया को विस्तार से सभी संकुल प्राचार्य को बताया।
6 मास्टर ट्रेनर्स ने दी ट्रेनिंग
प्रशिक्षण देने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद रायपुर की ओर से 6 मास्टर ट्रेनर्स (राज्य स्त्रोत व्यक्ति) जितेंद्र सिन्हा, सरिता मांडले, उद्धव कुमार साहू, सागरिका यादव, विकेश यादव और दीपिका साहू की नियुक्ति की गई है। जो संकुल प्राचार्यो को विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान कर रहे है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने अपने गाइडलाइन में स्पष्ट तौर पर कहा है कि, सभी संकुल प्राचार्य को इस प्रशिक्षण को अत्यंत गंभीरता लेना है और इस प्रशिक्षण के लिए कोई प्रतिनिधि मान्य नहीं होगा।