ग्रीन कॉरिडोर बनाकर राजधानी लाई गई किडनी: मेडिकल ऑफिसर की किडनी से दो मरीजों को मिला नया जीवन

कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर के ब्रेनडेड होने के बाद परिजनों ने उनकी किडनी के जरिए दो लोगों को नया जीवन दिया है।

Updated On 2025-08-09 11:37:00 IST

ब्रेनडेड मेडिकल ऑफिसर की किडनी से दो जरूरतमंद मरीजों को नया जीवन मिला।

रायपुर। कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर के ब्रेनडेड होने के बाद परिजनों ने उनकी किडनी के जरिए दो लोगों को नया जीवन दिया है। दुर्ग के आरोग्यम अस्पताल में हुए अंगदान के बाद किडनी को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर राजधानी के एम्स और एमएमआई लाया गया। यहां दो जरूरतमंद मरीजों को किडनी प्रत्यारोपित कर उन्हें इस समस्या से राहत दिलाई गई।

दुर्ग के आरोग्यम हॉस्पिटल के नेफ्रोलॉजिस्ट एवं अंगदान कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ. आरके साहू ने बताया कि डॉ. प्रशांत सिंह हॉस्पिटल में बतौर केजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर कार्यरत थे। 6 अगस्त को ड्यूटी के बाद वे घर गए थे और रात में सोते वक्त उन्हें सिरदर्द हुआ और वे बेहोश हो गए। परिवार वाले उन्हें हास्पिटल लेकर पहुंचे, मगर काफी इलाज के बाद भी उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। जांच में पता चला कि उन्हें आंतरिक रक्तस्त्राव हुआ था। डॉ. प्रशांत सिंह को विशेषज्ञों की टीम ने ब्रेनडेड घोषित किया, जिसके बाद उनकी पुत्री एवं परिजनों की सहमति से उनके अंगदान की प्रक्रिया पूरी की गई।

7 अगस्त की शाम को सभी आवश्यक कानूनी और चिकित्सकीय औपचारिकताओं की पूर्ति के पश्चात समय की प्रतिबद्धता एवं मरीजों के शारीरिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक किडनी एनएच एमएमआई नारायणा अस्पताल, रायपुर और दूसरी किडनी एम्स रायपुर को सौंपी गई। हास्पिटल में काफी जटिल सर्जरी के बाद उनकी किडनी प्राप्त की गई और जिला प्रशासन की मदद से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर उसे रायपुर के हास्पिटल तक पहुंचाया गया। वहीं सर्जरी की पूरी तैयारी थी और दोनों किडनी जरूरतमंद मरीजों को ट्रांसप्लांट की गई।

राज्य में यह 12वां अंगदान
डॉ. प्रशांत सिंह का नाम राज्य में 12वें अंगदान करने वाले महादानी के रूप में दर्ज हुआ। पिता को खोने का बड़ा दुख सहते हुए बेटी शेफाली सिंह ने गहरी संवेदनशीलता और साहस का परिचय देते हुए अपने पिता के दोनों किडनी दान करने के लिए सहमति प्रदान की। इसके पूर्व फरवरी माह सड़क हादसे में ब्रेनडेड हुए आर्यन्स आदिल के आर्गस उनके परिजनों ने दान किए थे। राज्य में पहला अंगदान नवंबर 2022 से शुरू हुआ था।

174 को किडनी, 27 को लिवर का इंतजार
राज्य अंग एवं उतक प्राधिकरण में अभी आर्गन प्राप्त करने के लिए 203 लोगों ने आवेदन किया हुआ है। इसमें 174 लोगों को किडनी की आवश्यकता है, वहीं 27 लोगों को लिवर मिलने का इंतजार है। दो मरीज ऐसे हैं, जिन्हें हृदय के ऊपरी अंग की जरूरत है। अंगदान के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए सोटो द्वारा लगातार विभिन्न तरीकों से जागरूकता लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा लोगों को अंगदान करने की शपथ भी दिलाई जा रही है।

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