नेशनल पार्क और उसूर ब्लाक में नक्सल आतंक: महीनेभर से बंद हैं 25 स्कूल, स्वतंत्रता दिवस पर भी नहीं फहरेगा तिरंगा

सरकार देशभर में हर घर तिरंगा अभियान चला रही है। लेकिन बस्तर के कुछ इलाके आज भी नक्सल दहशत के साये में हैं।

By :  Ck Shukla
Updated On 2025-08-14 15:28:00 IST

नक्सल दहशत के चलते महीने भर से 25 स्कूल बंद 

गणेश मिश्रा - बीजापुर। देश भर में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा याने आजादी का पर्व, और इसके पहले घर-घर तिरंगा अभियान भी सरकार ने चलाया है। तो वहीं केंद्र सरकार और राज्य सरकार मार्च 2026 तक बस्तर ही नहीं बल्कि देशभर से संपूर्ण नक्सलवाद के खात्मे का दावा कर रही है। परंतु इन दावों और अभियानों के बीच नक्सलियों ने सरकार को बड़ी चुनौती दे दी है।

चुनौती ऐसी है कि, नक्सली दहशत के चलते नेशनल पार्क के सेंड्रा इलाके में संचालित 19 में से 15 स्कूल पिछले एक महीने से बंद है। जिन्हें वर्ष 2019-20 में शुरू किया गया था। वहीं दूसरी तरफ उसूर ब्लॉक में भी करीब 10 स्कूल सिर्फ और सिर्फ नक्सलियों के दहशत के कारण एक महीने से बंद है।

पदस्त शिक्षक व अन्य कर्मचारियों के प्रवेश पर पाबंदी
जानकारी के मुताबिक़, सेंड्रा इलाके में नक्सलियों ने दो शिक्षदूतों की हत्या के बाद उस इलाके के ग्रामीणों को गांव से बाहर जाने पर रोक लगा दी है। वहीं दूसरी ओर उन इलाकों में पदस्त शिक्षक व अन्य कर्मचारियों के प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी गई है। उसूर इलाके के 10 स्कूल भी इसी वजह से बंद है। जिसका सीधा मतलब यह है कि, इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बीजापुर जिले के इन 25 स्कूलों में ध्वजारोहण नहीं किया जाएगा, और ना ही आजादी का पर्व मनाया जाएगा। ऐसे में सरकार के लिए और प्रशासन के लिए यह बड़ी चुनौती है कि, पिछले एक महीने से बंद इन स्कूलों में इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस और आजादी का पर्व कैसे मनाया जाएगा।

इन इलाकों में प्रवेश पर नक्सलियों ने लगाई पाबंदी
2019-20 में सेंड्रा इलाके में वर्षों से बन्द पड़े प्राशा दुडेपल्ली, प्राशा नेतीकाकलेड, प्राशा गोडनुगूर (छोडेकाकलेड), प्राशा कारकावाडा (प्रा.शा. रायगुडा), प्राशा केरपे, प्राशा फरसनार (चिकुडपल्ली) ,प्राशा पीलूर, प्राशा कोण्डापाडगू, प्राशा सफीमारका, प्राशा पेनकुदूर, प्राशा बडेकाकलेड, प्राशा फूलगुण्डम, प्राशा एडापल्ली, प्राशा टेकमेटा, प्राशा आरेपल्ली, प्राशा देपला (इरपागुटटा), प्राशा चेरपल्ली, प्राशा रालापल्ली का पुनः संचालन किया गया था। परंतु नक्सल दहशत के कारण पिछले एक महीने से ये स्कूल बंद हैं। क्योंकि इस इलाके में प्रवेश नक्सलियों ने पाबंदी लगा रखा है।

25 साल बाद लहराएगा तिरंगा
सांड्रा और उसूर इलाके को अगर छोड़ दें तो इस वर्ष 5 गांव ऐसे हैं जहां पर करीब 25 सालों बाद ध्वजारोहण किया जाएगा। क्योंकि 25 सालों तक इन गांवों के स्कूल नक्सली दहशत के कारण बंद पड़े थे। इसी सत्र में यहां पुनः स्कूल का संचालन शुरू किया गया है। बीजापुर जिले के सावनार, कोरचोली, नेन्द्रा, एड्समेटा, करका, तोड़का और इतावर में 25 साल बाद स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण किया जाएगा। 25 साल पहले भी इन गांवों में स्कूल थे। परंतु उस समय यहां देश के तिरंगे की जगह नक्सली काला झंडा फहराया करते थे। अब इन इलाकों से नक्सलवाद का धुँध छंटने लगा है और तिरंगे की शान भी लौटने लगी है।

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