देवकर कन्या शाला में पोला पर्व की धूम: मटका दौड़, फुगड़ी जैसी प्रतियोगिताओं का रखा गया आयोजन

बेमेतरा जिले के शासकीय कन्या प्राथमिक शाला देवकर में पोला पर्व धूमधाम से मनाया गया। बच्चों ने मटका दौड़, फुगड़ी और बैल पूजा के साथ चित्रकारी की।

By :  Ck Shukla
Updated On 2025-08-23 16:32:00 IST

स्कूल में उपस्थित छात्राएं 

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में शासकीय कन्या प्राथमिक शाला देवकर में पोला पर्व का धूमधाम से आयोजन किया गया। बच्चों ने बैल, जाता, पोरा इत्यादि मिट्टी के खिलौनों का पूजा किया।

इस अवसर पर बच्चों और शिक्षकों तथा शाला प्रबंधन समिति की उपाध्यक्ष रानी साहू ने शाला में आयोजित मटका दौड़ प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। फुगड़ी खेली साथ ही बच्चों ने बैल की चित्रकारी कर पोला पर्व पर स्वतंत्र लेखन किया।

ऐसे मनाया जाता है है पोला तिहार
बच्चों ने इस उत्सव में अपने घर और स्कूल में किए जाने वाले आयोजन पर चर्चा विस्तृत रूप से किया l प्रधान पाठिका गिरिजा पटेल ने बच्चो को अवगत कराया कि, पोला अमावस्या खासकर किसानों का पर्व है। इस दिन बैलों की पूजा की जाती है, क्योंकि खेती किसानी में बैल को अन्नदाता का साथी माना जाता है कि, इस दिन उनको सजाया जाता है और भगवान शंकर से सुख समृद्धि की प्रार्थना की जाती है l


मनुष्य का पूरा जीवन प्रकृति पर निर्भर
यह पर्व केवल बैलों की पूजा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रकृति और कृषि संस्कृति के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर भी है l यह पर्व हमें याद दिलाता है कि, मनुष्य का जीवन पूरी तरह से पशुधन और प्रकृति पर निर्भर है। खेती से जुड़ी यह परंपरा ग्रामीण जीवन में श्रम, सहयोग और सामूहिकता का संदेश देती है l

तो इसलिए पोला मनाया जाता है
इस पर्व के पीछे पौराणिक कथा प्रचलित है कि, श्री कृष्ण को मारने हेतु उनके मामा कंस ने पोलासुर नामक असुर को भेजा था। जिसका श्री कृष्ण ने वध कर दिया था और सबको अचंभित कर दिया। वह भादो माह की अमावस्या का दिन था। इस दिन से इसे पोला कहा जाने लगा। श्री कृष्ण की गाथा बच्चे बहुत खुश हुए l उक्त आयोजन में गिरिजा पटेल, वीणा रावटे, प्रियंका साहू रमौतीन साहू रानी साहू और शाला परिवार के बच्चे उपस्थित रहे। 

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