दर्दनाक घटना: 12 वर्षीय मासूम छात्र की असमय मौत, प्रधान पाठक बने परिजनों का सहारा

बेमेतरा जिले में कक्षा सातवीं के छात्र समीर निर्मलकर की मौत हो गई। प्रधान पाठक धनेश रजक परिजनों संग खड़े रहे और हर संभव सहयोग किया।

By :  Ck Shukla
Updated On 2025-08-24 12:34:00 IST

मृत छात्र समीर निर्मलकर

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। शासकीय पूर्व माध्यमिक शाळा खपरी धोबी में अध्ययनरत कक्षा सातवीं के छात्र समीर निर्मलकर पिता रोमन निर्मलकर का अचानक निधन हो गया। 12 वर्ष की उम्र में मासूम की मौत से पूरे गांव और विद्यालय परिवार में शोक का माहौल बना गया है।

परिजनों ने बताया कि, सुबह लगभग 4 बजे बच्चे की तबियत बिगड़ गई थी। जिसे आनन-फानन में उसे 108 एम्बुलेंस से साजा के शासकीय अस्पताल लाया गया। जहां इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बताया गया कि, समीर के माता-पिता रोजी-रोटी के लिए पुणे गए हुए थे और बच्चा अपने दादा बुआ के पास रह रहा था।

मानवीय सहयोग के लिए आगे आए प्रधान पाठक
वहीं बच्चे के विद्यालय में जब प्रधान पाठक को बच्चों, सरपंच गिरधारी निर्मल कर और कुछ ग्रामीणों ने खबर दी। पूरे स्कूल स्टाफ और विद्यार्थियों ने शोक सभा आयोजित कर दिवंगत बालक को श्रद्धांजलि अर्पित की। उल्लेखनीय है कि, जानकारी मिलने के बाद प्रधान पाठक धनेश रजक स्वयं अस्पताल पहुंचे और परिजनों के साथ इस मुश्किल घड़ी में खड़े रहे। उन्होंने पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया को जल्दी कराने में मदद की और स्वयं के खर्च पर शव वाहन की व्यवस्था करवाई। वहीं स्कूल के शिक्षक मनोज वर्मा भी अस्पताल पहुंचे और बच्चे को श्रद्धांजलि दी।


बच्चे के शव को उसके घर पहुंचाया गया
पोस्टमॉर्टम के बाद प्रधान पाठक के सहयोग से बच्चे के शव को उसके घर गांव खपरी धोबी पहुंचाया गया। इस दौरान परिजनों ने प्रधान पाठक धनेश रजक का आभार व्यक्त किया। ग्राम पंचायत खपरी धोबी के सरपंच गिरधारी निर्मलकर ने भी घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया। उन्होंने विद्यालय परिवार के साथ शोक सभा में शामिल होकर कहा कि, प्रधान पाठक रजक का यह मानवीय कार्य सराहनीय है, जिन्होंने दुख के घड़ी में परिजनों का संबल बनकर सहयोग किया।

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