रेत माफिया पर प्रशासन का शिकंजा: डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स का गठन, इंद्रावती-भस्केल में अब नहीं होगी चोरी
बस्तर जिले में अवैध रेत तस्करी रोकने के लिए जिला प्रशासन ने डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स का गठन कर सख्त कार्रवाई शुरू की है।
जीवानंद हलधर-जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में रेत खनन माफिया के हौंसले बुलंद हैं। इंद्रावती और भस्केल नदियों से अवैध रूप से रेत की तस्करी बेधड़क जारी है। बड़े-बड़े मशीनों के माध्यम से इन नदियों से बेहिचक रेत की चोरी की जा रही है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने अब कमर कस ली है।
मिली जानकारी के अनुसार, कलेक्टर ने अवैध रेत तस्करी पर नकेल कसने के लिए डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स का गठन किया है। इस विशेष टीम में खनिज विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस प्रशासन के अधिकारी शामिल किए गए हैं। गठित टीम के साथ कलेक्टर ने एक महत्वपूर्ण बैठक कर सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि अवैध रेत तस्करी को पूरी तरह से रोका जाए और जिले में बलरामपुर जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सभी को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
कई अवैध रेत परिवहन कर रहे वाहनों पर कार्यवाही की जा चुकी
जिला प्रशासन की इस कार्रवाई के तहत अब तक कई अवैध रेत परिवहन कर रहे वाहनों पर कार्यवाही की जा चुकी है। इसके अलावा, जिन स्थानों पर अवैध रेत डंप करने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं, वहां भी टीम द्वारा जांच कर सख्त कदम उठाए गए हैं। बकावण्ड ब्लॉक के तारापुर, बनियगांव, बजावंड और टलनार गांवों में रेत चोरी की घटनाएं सबसे अधिक देखी गई हैं। इसके अलावा ओडिशा सीमा से सटे इलाकों में भी इंद्रावती और भस्केल नदी से रेत की अवैध खुदाई जारी थी।
कलेक्टर ने दिए सख्त निर्देश
बस्तर कलेक्टर ने साफ कर दिया है कि यदि कोई व्यक्ति या समूह अवैध रूप से रेत की तस्करी करते हुए पकड़ा गया तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी। जिला प्रशासन की इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि रेत माफिया पर लगाम कसी जा सकेगी और प्राकृतिक संसाधनों की लूट पर प्रभावी रोक लगेगी।