युक्तियुक्तकरण: कलेक्टर बोले - शिक्षा व्यवस्था में होगा सुधार, दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी होगी दूर
बलौदाबाजार जिला कलेक्टर दीपक सोनी और जिला शिक्षा अधिकारी हिमांशु द्विवेदी ने जिला कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया।
कलेक्टर दीपक सोनी
कुश अग्रवाल-बलौदा बाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिला कलेक्टर दीपक सोनी और जिला शिक्षा अधिकारी हिमांशु द्विवेदी ने जिला कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया। शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण मामले को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने ने कहा कि, इस प्रक्रिया को लेकर समाज में भ्रांतियां फैलाई जा रही है। जो पूर्णतः निराधार हैं। युक्तियुक्तकरण का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करना है, न कि किसी को असुविधा देना।
कलेक्टर दीपक सोनी ने कहा कि, नगरीय क्षेत्रों में छात्रों की तुलना में अधिक शिक्षक पदस्थ हैं, जबकि ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों की शालाओं में शिक्षकों की भारी कमी है। इससे शैक्षणिक गुणवत्ता प्रभावित हो रही है और विद्यार्थियों के परीक्षा परिणामों पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। इसी असंतुलन को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है।
युक्तियुक्तकरण के प्रमुख लाभ
- जिन शालाओं में शिक्षकों की कमी है, वहां शिक्षक उपलब्ध कराए जाएंगे।
- ग्रामीण अंचलों की शालाओं में गणित, रसायन, भौतिकी, जीवविज्ञान जैसे विषयों के विशेषज्ञ शिक्षक पदस्थ किए जाएंगे।
- इससे विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा, मजबूत शैक्षणिक वातावरण और गुणवत्तापूर्ण संसाधन उपलब्ध होंगे।
- युक्तियुक्तकरण के माध्यम से छात्र-शिक्षक अनुपात संतुलित कर शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारा जाएगा।
- यह प्रक्रिया शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दिशा-निर्देशों के अनुरूप की जा रही है।
जिले में कुछ शालाओं में अनुपात 35ः1 तक पहुंच गया है
कलेक्टर ने कहा कि, छत्तीसगढ़ राज्य में प्राथमिक स्तर पर औसतन छात्र-शिक्षक अनुपात 21.84 है, जबकि पूर्व माध्यमिक स्तर पर यह 26.2 है। बलौदा बाजार जिले में कुछ शालाओं में यह अनुपात 35ः1 तक पहुंच गया है।