बंदी की इलाज के दौरान मौत: परिजनों ने पुलिस पर लगाए लापरवाही के गंभीर आरोप
बंदी की इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद परिजनों में आक्रोश का माहौल है। उन्होंने पुलिस पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं।
अंतिम संस्कार से पहले हुआ विवाद
कुश अग्रवाल-बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में एक बंदी की शुक्रवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना के बाद से इलाके में आक्रोश माहौल है। उन्होंने पुलिस पर लापरवाही के गंभीर आरोप भी लगाए हैं।
बता दें कि, मृतक की पहचान ग्राम खेरी, थाना पलारी निवासी उमेंद्र बघेल (34) के रूप में हुई है। पांच दिन पहले उसे अवैध शराब बिक्री के आरोप में पलारी थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। जेल में दाखिल होने के तीसरे दिन ही बंदी की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे बलौदाबाजार जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां शुक्रवार दोपहर 12 बजे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
बंदी के बीमार होने की सूचना परिजनों को नहीं दी गई
बंदी की मौत की सूचना मिलते ही परिजनों ने पुलिस और जेल प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए। मृतक की पत्नी ने बताया कि, तीन दिनों से इलाज चल रहा था लेकिन उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई। उन्हें सूचना तब दी गई जब मृतक का पोस्टमार्टम भी पूरा हो चुका था।
परिजनों ने लगाए दस्तावेजों पर जबरन हस्ताक्षर के आरोप
परिजनों का यह भी आरोप है कि, उनसे जबरन कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए गए और शव सौंप दिया गया। शनिवार की सुबह शव गांव लाए जाने के बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार से इनकार करते हुए जांच की मांग को लेकर हंगामा किया। इसे प्रशासन ने समाज प्रमुखों की मौजूदगी में समझाइश दिए जाने के बाद और न्यायिक जांच कराए जाने की बात कहकर शांत कराया।
प्रशासन ने जांच और मुआवजे की कही बात
फिलहाल परिजन निष्पक्ष जांच की मांग कर मृतक के अंतिम संस्कार पर राजी हुए। प्रशासन ने कहा कि, मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाएगा।