अनुशासन का पाठ पढ़ाना बुजुर्ग को पड़ा भारी: रिश्तेदार नाबालिग बच्ची ने टंगिया मारकर कर दी हत्या
बलौदाबाजार जिले के अमेरा गांव में बुजुर्ग की हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। रिश्तेदार नाबालिग बच्ची ने ही टंगिया मारकर उसकी जान ली।
घटना स्थल की तस्वीर
कुश अग्रवाल- बलौदाबाजार। बलौदा बाजार जिले के ग्राम अमेरा में घटित यह घटना न केवल एक परिवार को हिला देने वाली है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है। 50 वर्षीय पुरुषोत्तम यादव, जो अपने ही घर में जीवन बिता रहे थे, उनकी हत्या किसी बाहरी व्यक्ति ने नहीं बल्कि उनकी ही नाबालिग करीबी रिश्तेदार बालिका ने कर दी।
डांट-फटकार और मोबाइल पर रोक बनी वजह
पुलिस जांच में सामने आया कि मृतक अक्सर बालिका को अनुशासन में रखने के लिए डांटते थे और मोबाइल पर बातचीत करने से मना करते थे। यह मामूली-सी लगने वाली बात नाबालिग के मन में इतनी गहरी चुभ गई कि उसने गुस्से में आकर लोहे की टंगिया से सिर और चेहरे पर वार कर बुजुर्ग की जान ले ली।
जांच में खुलासा
12 अगस्त 2025 की सुबह 10 से 12 बजे के बीच हुई इस वारदात के बाद पुलिस ने तेज़ी से कार्रवाई की। एफएसएल टीम और पड़ोसियों-रिश्तेदारों से पूछताछ के बाद शक की सुई नाबालिग पर आकर टिक गई। शुरू में बयान बदलने के बाद जब उससे मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ हुई तो उसने पूरी सच्चाई स्वीकार कर ली। पुलिस ने 13 अगस्त को उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
समाज के लिए सबक
यह घटना केवल अपराध की कहानी नहीं है, बल्कि एक गहरी सामाजिक पीड़ा भी बयां करती है। अनुशासन जरूरी है, परंतु बच्चों से संवाद और प्रेम का सेतु भी उतना ही आवश्यक है। कठोर शब्द, लगातार डांट और समझ की कमी, किशोर मन में विद्रोह और गुस्से का बीज बो सकती है। समाज को यह समझना होगा कि बदलते समय में बच्चों की भावनाओं, मानसिक स्थिति और तकनीकी उपयोग को संतुलित तरीके से संभालना बेहद जरूरी है। मोबाइल के दुरुपयोग से रोकना सही है, लेकिन उस रोक को प्यार, धैर्य और समझ के साथ समझाना ही सही रास्ता है। वरना छोटी-सी बात रिश्तों के ताने-बाने को तोड़कर ऐसी त्रासदी में बदल सकती है, जिसका दर्द पूरी जिंदगी सालता है।