रेलवे की मनमानी से फौजी परेशान: जमीन पर कर दिया गड्ढा, फरियाद भी हो गया अनसुना, देश के लिए लड़े अब गड्ढे से जंग
रेलवे निर्माण के चलते रिटायर्ड फौजी के घर के पास बने खतरनाक गड्ढे को भरने की गुहार अब तक प्रशासन ने अनसुनी कर दी है।
रिटायर्ड फौजी के घर के पास बने खतरनाक गड्ढे को भरने की गुहार अब तक प्रशासन ने अनसुनी कर दी है
राजा शर्मा - डोंगरगढ़। छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ जनपद के ग्राम पंचायत बोरतलाव निवासी 75 वर्षीय रिटायर्ड फौजी केवल राम पसीने इन दिनों रेलवे प्रशासन की मनमानी से बेहद परेशान हैं। सालों तक देश की सेवा कर चुके एक रिटायर्ड फौजी आज खुद अपने ही देश के सिस्टम से जूझ रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
1970 से लेकर 1992 तक भारतीय सेना में सेवा देने वाले केवल राम पसीने ने रिटायरमेंट के बाद अपने जीवन भर की कमाई से नक्सल प्रभावित क्षेत्र और महाराष्ट्र सीमा से सटे बोरतलाव गांव में एक मकान बनाया और परिवार के साथ वहां बस गए। हाल ही में रेलवे द्वारा उनके घर के पीछे अंडर ब्रीज निर्माण कार्य शुरू किया गया। इस निर्माण के दौरान उनके घर की बाउंड्री वॉल को रेलवे की जमीन बताते हुए तोड़ दिया गया। इसके बाद वहां एक लंबा और गहरा गड्ढा खोद दिया गया, जो अब तक खुला पड़ा है।
खतरे में जान, पर नहीं सुनवाई
केवल राम पसीने कई बार रेलवे ठेकेदार और अधिकारियों से इस गड्ढे को बंद करने की गुहार लगा चुके हैं। उनका कहना है कि इस गड्ढे से गांव के बच्चों और मवेशियों की जान को खतरा है। उन्होंने यहां तक कह दिया है कि बाउंड्री वॉल का मुआवजा न दें, कोई बात नहीं – बस गड्ढा तो भर दें। अब जब मानसून सिर पर है, केवल राम को डर है कि गड्ढे में पानी भरने से उनके घर की नींव भी कमजोर हो सकती है। इसके बावजूद रेलवे प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
क्या किसी हादसे का इंतजार कर रहा है सिस्टम
स्थानीय लोग और केवल राम पसीने इस सवाल से परेशान हैं कि आखिर रेलवे प्रशासन कब जागेगा, क्या कोई बड़ा हादसा होने के बाद ही यह गड्ढा भरेगा। रिटायर्ड फौजी ने कहा मैंने अपना जीवन देश को दे दिया, अब मेरे अपने देश के सिस्टम से लड़ रहा हूं। बाउंड्री टूटी, कोई बात नहीं, पर ये गड्ढा तो बंद कर दो। मेरे घर में बच्चे हैं, गांव के बच्चे खेलते हैं, किसी की जान न चली जाए… बस यही विनती है।