महिलाओं का नशा मुक्ति अभियान: स्वच्छता, वृक्षारोपण समेत कई विषयों पर की चर्चा, स्वस्थ्य समाज बनाने का लिया संकल्प

खिचरी गांव में महिलाओं ने नशा मुक्ति अभियान बैठक का आयोजन किया। जिसमें बिहान योजना से जुड़ी महिलाओं ने नशा मुक्ति समेत अन्य विषयों पर चर्चा की

Updated On 2025-09-14 17:31:00 IST

नशा मुक्ति अभियान के तहत महिलाओं ने घर- घर जाकर किया जागरूक 

देवराज दीपक - सारंगढ़। छत्तीसगढ़ के सारंगढ़ जिले में बिहान योजना से जुड़ी महिलाओं ने खिचरी गांव में नशा मुक्ति अभियान बैठक का आयोजन किया। इस आयोजन में क्लस्टर की सभी केडर और पदाधिकारी सक्रिय रूप से शामिल हुए। गांव की गलियों से लेकर बैठक स्थल तक महिलाओं की जोशीली मौजूदगी ने पूरे माहौल को उत्साह और संकल्प से भर दिया।

बैठक की शुरुआत 'नशा छोड़ों, परिवार बचाओ' और 'नशा मुक्त समाज, हमारी पहचान' जैसे नारों से हुई। वी. ओ.बैठक से महिलाओं ने दो टूक कहा- अब गांव में शराब, जुआ और किसी भी तरह का नशा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।महिलाओं ने कहा कि, खिचरी गांव से उठी यह आवाज सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पूरे बुदेली क्लस्टर के हर गांव तक पहुंचेगी। उनका कहना था कि, बिहान योजना सिर्फ आजीविका का साधन नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव का हथियार है।

महिलाओं ने सुनाई अपनी आपबीती
बैठक में कई महिलाओं ने बेबाकी से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि नशे की लत ने न केवल परिवारों को तोड़ा है, बल्कि बच्चों की पढ़ाई और भविष्य को भी चौपट कर दिया है। बुज़ुर्ग महिलाओं ने तजुर्बे साझा करते हुए कहा- हमने बहुत सहा है, अब और नहीं। अब बहनें आगे बढ़कर नशे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ेंगी।


कई विषयों पर हुई चर्चा
कार्यक्रम के दौरान आयोजित वी.ओ. बैठक में महिलाओं ने सामुदायिक विकास, महिला सशक्तिकरण, बचत-लोन, समीक्षा-अंकेक्षण (ऑडिट), स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण और नशा मुक्ति पर गहन विमर्श किया। यह तय किया गया कि सामाजिक बुराइयों को मिटाने के लिए गांव-गांव में नियमित बैठकें होंगी और हर महिला को इसमें शामिल किया जाएगा।

पूरे जिले के लिए प्रेरणा बनेगी मुहिम - संतोषी रात्रे
आरबीके संतोषी रात्रे ने कहा- नशा समाज और परिवार दोनों के लिए एक बड़ी बीमारी है। यह सिर्फ शरीर को नहीं, बल्कि घर-परिवार की खुशियों को भी निगल जाता है। हमारे क्लस्टर की बहनें अब जाग चुकी हैं और बिहान योजना के माध्यम से न केवल अपनी आजीविका मजबूत कर रही हैं, बल्कि सामाजिक बुराइयों के खिलाफ भी खड़ी हो रही हैं। जिस तरह महिलाएं बचत, लोन और आत्मनिर्भरता के लिए काम कर रही हैं, उसी तरह नशा मुक्त समाज की लड़ाई भी महिलाएं जीतेंगी। खिचरी गांव से उठी यह मुहिम पूरे जिले के लिए प्रेरणा बनेगी।

पुष्पा साहू और कौशल्या साहू का सामूहिक बयान
पुष्पा साहू और कौशल्या साहू ने कहा- नशे की वजह से गांव का माहौल बिगड़ता है, परिवार टूटते हैं और बच्चों का भविष्य अंधकार में चला जाता है। अब खिचरी गांव से हम सबने यह ठान लिया है कि नशे को जड़ से खत्म करेंगे। यह सिर्फ एक रैली नहीं, बल्कि महिलाओं का संकल्प है। बिहान योजना हमें आत्मनिर्भर बनाती है और यही आत्मनिर्भरता हमें नशामुक्त समाज की दिशा में ताकत दे रही है। जब महिलाएं आगे बढ़ती हैं, तो पूरा समाज बदलता है। यह रैली बदलाव का पहला कदम है और जल्द ही इसका असर हर गांव में दिखेगा।

पदाधिकारियों ने भी कार्यों को सराहा
पदाधिकारियों ने महिलाओं की पहल को सराहते हुए कहा कि, महिलाओं के नेतृत्व में यह आंदोलन गांव और समाज दोनों को नई दिशा देगा। उन्होंने हर संभव सहयोग देने का आश्वासन भी दिया।


ये रहे मौजूद
सभा के अंत में महिलाओं ने एकजुट होकर यह संकल्प लिया कि, खिचरी गांव नशा मुक्त बनेगा और खुशहाली आएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि, बिहान की यह मुहिम पूरे जिले में सामाजिक क्रांति का रूप लेगी।कार्यक्रम में पुष्पा साहू (FLCRP), कौशल्या साहू (AW), संतोषी रात्रे (RBK), भूमिका साहू, हिरा सिदार, उत्तरा साहू, भानुमति महंत, आरती चौहान, महेश्वरी साहू, उत्तरा निषाद, कविता निषाद, कौशल्या चौहान, सहोद्रा यादव, भारती चौहान, विनीता चौहान, मकर चौहान, पद्मसेनी निषाद शामिल हुईं।

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