फरी स्कूल में मनाया गया शिक्षक दिवस: शिक्षिका स्मिता बोलीं - शिक्षक बच्चों के उज्जवल भविष्य की तैयार करता है नींव
बेमेतरा जिले के शासकीय प्राथमिक शाला फरी में शिक्षक दिवस हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया।
शिक्षक दिवस
बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के शासकीय प्राथमिक शाला फरी में शिक्षक दिवस हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। सर्वप्रथम ज्ञान की देवी सरस्वती माँ की पूजा-अर्चना की गई। कक्षा पांचवी के बच्चों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। डॉ, सर्वपल्ली राधाकृष्णन के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर उनका स्मरण किया और केक काटकर उनका जन्मदिन मनाया गया। इसके बाद सभी बच्चों ने शिक्षक, शिक्षिकाओं का पूजा करके श्रीफल और पेन भेट किया गया। प्रधान पाठक बजरंग शर्मा ने सभी को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दी।
प्रधान पाठक बजरंग शर्मा ने कहा कि, 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह दिन सर्वपल्ली राधाकृष्णन को ही समर्पित है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन देश के पहले उपराष्ट्रपति और महान शिक्षाविद, भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद और महान दार्शनिक थे। सर्वपल्ली राधाकृष्णन खुद एक बहुत अच्छे टीचर थे। 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के छोटे से गांव तिरुमनी में जन्मे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
शिक्षक ना सिर्फ हमें शिक्षा देते हैं बल्कि वह हमेशा हमें अच्छा इंसान बनाने हैं
उन्होंने ने कहा कि, शिक्षक हमारे जीवन के आधार स्तंभ और मार्गदर्शक होते हैं। वह अपना बहुमूल्य समय देकर हमारे जीवन को संवारते हैं और आगे बढ़ाते हैं। जिस तरह मिट्टी को तराश कर कलाकृति तैयार करने का कार्य कुम्हार करता है, वैसे ही शिक्षक हम बच्चों में निखार लाते हैं, हमें संवारते हैं। शिक्षक ना सिर्फ हमें शिक्षा देते हैं बल्कि वह हमेशा हमें अच्छा इंसान बनाने की कोशिश करते रहते हैं। उनकी कही बातें ही हमारे जीवन को निखारती हैं। इस दिन हमें डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद कर उन्हें नमन करना चाहिए।
शिक्षक हमारे समाज का करते हैं निर्माण
शिक्षिका स्मिता साहू ने कहा कि, शिक्षक हमारे समाज का निर्माण करते हैं। वहीं हमारे मार्गदर्शक होते हैं। शिक्षक का स्थान माता-पिता से भी ऊंचा होता है। माता-पिता बच्चे को जन्म जरूर देते हैं लेकिन शिक्षक उसके चरित्र को आकार देकर उज्ज्वल भविष्य की नींव तैयार करता है। इसलिए हम चाहें कितने भी बड़े क्यों न होने जाए हमें अपने शिक्षकों को कभी नहीं भूलना चाहिए। यकीन मानिए, हमें जीवन के हर मुश्किल और अच्छे मोड़ पर शिक्षकों की सिखाई बातें याद आती रहेंगी। बिना शिक्षक के ज्ञान मिलना संभव नहीं है।
आध्यात्मिक गुरु सभी का हमारे जीवन में विशेष स्थान होता है
उन्होंने ने कहा कि, शिक्षक हमें केवल पढ़ाते ही नहीं, वे हमारे चरित्र, सोच, नैतिकता और आत्मविश्वास का निर्माण करते हैं। वे हमें जीवन के कठिन रास्तों पर सही निर्णय लेना सिखाते हैं। चाहे वह हमारे स्कूल के शिक्षक हों, माता-पिता हों, या आध्यात्मिक गुरु सभी का हमारे जीवन में विशेष स्थान होता है हम भाग्यशाली हैं कि हमें ऐसे गुरु मिले हैं जो हमें सिर्फ किताबें नहीं, जीवन जीना सिखा रहे हैं। हमें चाहिए कि, हम उनके बताए मार्ग पर चलें और जीवन में अच्छे इंसान बनें।
शिक्षक जीवन जीने की कला भी सिखाते हैं
कक्षा 5वीं छात्र लक्ष्य ने कहा कि, शिक्षक सिर्फ हमें किताबों का ज्ञान नहीं देते बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाते हैं। वह हमारे मार्गदर्शक और दोस्त होने के साथ प्रेरणा के स्रोत भी होते हैं। जिस तरह से दीपक खुद जलकर दूसरों को रोशनी देता है वैसे ही अपनी मेहनत और समर्पण से शिक्षक हमारे जीवन में उजाला भरने का काम करते हैं। सभी कक्षा के बच्चों ने कविता और गीत की प्रस्तुति दी। शिक्षक दिवस के अवसर पर बच्चों ने अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
ये लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर शाला के प्रधान पाठक बजरंग शर्मा, शिक्षिका स्मिता साहू, सुनीता वर्मा, रखमणि साहू, बीएड छात्राध्यापिका द्रौपदी ध्रुव और सभी कक्षाओं के छात्र छात्राएं उपस्थित हुए।