धान बेचने के लिए किसानों को करना होगा ये काम: डिजिटल क्रॉप सर्वे के बाद भी कराना होगा रकबे का मिलान

छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन 2025-26 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचने के पहले सोसाइटी में जाकर अपने रकबे का मिलान कराना होगा।

Updated On 2025-10-03 12:04:00 IST

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन 2025-26 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचने के पहले सोसाइटी में जाकर अपने रकबे का मिलान कराना होगा। राज्य में पटवारी गिरदावरी और डिडिटल क्रॉप सर्वे के बाद भी रकबे का भौतिक सत्यापन खाद्य विभाग के पीवी एप के माध्यम से भौतिक सत्यापन के बाद ही प्रविष्ठियों में परिवर्तन किया जा सकेगा। यह काम 31 अक्टूबर तक हो सकेगा। राज्य में पिछले साल धान बेचने वाले 25 लाख 49 हजार किसानों में से करीब डेढ़ लाख किसानों का डाटा जांच में मैच कर गया है यानी सही पाया गया है।

खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने इस संबंध में राज्य के सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किया है। इसमें खास डिजिटल क्रॉप सर्वे एवं गिरदावरी का मोबाइल एप पीवी एप से सत्यापन के संबंध में निर्देश दिए गए है। कहा गया है कि एकीकृत किसान पोर्टल में खरीफ वर्ष 2025-26 के लिए किसान पंजीयन तथा पंजीकृत किसान द्वारा अपने भूमि पर लिए गए फसल का नाम तथा रकबा को अपडेट करने की कार्यवाही 31 अक्टूबर तक करनी होगी।

पंजीकृत किसानों को करना होगा ये काम
राज्य में अब से पहले पूर्व के वर्षों में ये व्यवस्था रही है कि जिन किसानों ने पिछले साल धान बेचा है उनका डाटा अगले साल के लिए कैरी फारवर्ड हो जाता था। उन्हें इसके लिए सोसाइटी में जाने की जरूरत नहीं होती थी, लेकिन अधिकारियों के मुताबिक इस साल किसानों को सोसाइटी में जाकर ये देखना होगा कि उनके धान का कितना रकबा पटवारी गिरदावरी और डिजिटल क्रॉप सर्वे में आया है।

अगर बोए गए धान का रकबा बराबर आ रहा है, तो कुछ नहीं करना है, लेकिन अगर रकबा कम आ रहा है, तो उन्हें रकबा में सुधार करवाना होगा। वजह ये है कि इस बार धान खरीदी के लिए एग्रीस्टेक फार्मर आईडी को अनिवार्य किया गया है। तथा फार्मर आईडी से लिंक समस्त फार्म आईडी खसरों के आधार पर एग्रीस्टेक से पंजीयन के उपरांत ही खाद्य विभाग के पोर्टल पर धान खरीदी की जाएगी।

खाद्य विभाग के पीवी एप से होगा भौतिक सत्यापन
खास बात ये है कि, राज्य में गिरदावरी एवं डिजिटल क्रॉप सर्वे का संशोधन का प्रावधान 30 सितंबर तक के लिए रखा गया था। इसके बाद पीवी एप के माध्यम से ही भौतिक सत्यापन उपरांत प्रविष्टियों में परिवर्तन किया जा सकेगा। यह एप 15 सितंबर 2025 से गो लाइव हो चुका है। इस ऐप के माध्यम से दिनांक 31 अक्टूबर 2025 तक प्रविष्टियों में परिवर्तन किया जा सकेगा।

इस तरह होगी फसलों की जांच
एग्रीस्टैक के डिजिटल क्रॉप सर्वे, भुईयां सॉफ्टवेयर में किये गये फसल धान की प्रविष्टियों में से 5 प्रतिशत प्रविष्टि की रैंडम सत्यापन हेतु एक मोबाइल ऐप तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से तीन स्तर पर फसल प्रविष्टि की रैंडम सत्यापन किया जाना है। प्रथम चरण में ऐप के माध्यम से चिन्हांकित खसरों का सत्यापन कलेक्टर द्वारा चिन्हांकित राजस्व, कृषि आदि विभाग के फील्ड अधिकारियों या कर्मचारियों द्वारा किया जावेगा।

सत्यापन में प्रविष्टि गलत पाये जाने पर उस प्रविष्टि को भौतिक सत्यापन पर सुधार 31 अक्टूबर के पूर्व करने कहा गया है। प्रथम स्तर पर सत्यापित प्रविष्टियों में से 5 प्रतिशत प्रविष्टियां जो कि एप ने चिन्हांकित किये जाएंगे, कलेक्टर की जांच से चिन्हांकित कर उपखण्ड और जिला अधिकारी से किया जावेगा। जिला स्तर पर सत्यापित प्रविष्टियों में से 2 प्रतिशत प्रविष्टि की जांच राज्य स्तर के अधिकारी से की जावेगी।

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