सुकमा में RAMP योजनाः: स्थानीय उत्पादकों को मिलेगा डिजिटल बाज़ार से जुड़ने का अवसर

सुकमा जिले में RAMP की योजना के अंतर्गत की कार्यशाला शुक्रवार को संपन्न हुई। स्थानीय उत्पादकों को डिजिटल बाज़ार से जुड़ने का अवसर मिलेगा।

Updated On 2025-09-27 16:28:00 IST

RAMP योजना की कार्यशाला 

लीलाधार राठी- सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में RAMP की योजना के अंतर्गत की कार्यशाला शुक्रवार को संपन्न हुई। वहीं स्थानीय उत्पादकों, महिला उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों और पारंपरिक कारीगरों को डिजिटल बाज़ार से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए स्वामी विवेकानन्द युवा शक्ति परिसर, सुकमा में MSME को ई-मार्केटप्लेस और डिजिटल मार्केटिंग से जोड़ने संबंधी कार्यशाला” का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला भारत सरकार की RAMP योजना के अंतर्गत उद्योग संचालनालय और CSIDC रायपुर की पहल पर संपन्न हुई।

इस कार्यक्रम का शुभारंभ जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र, सुकमा के महाप्रबंधक मितवा बड़ा की अध्यक्षता में हुआ। उन्होंने कहा कि, स्थानीय उत्पादों को डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से जोड़कर उन्हें राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पहचान भी दिलाई जा सकती है। जिला प्रबंधक कैलाश कश्यप ने उद्यमियों और एसएचजी सदस्यों को डिजिटल मार्केटप्लेस में पंजीयन, उत्पाद सूचीकरण और विपणन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी। राज्य महिला आयोग की सदस्या दीपिका शोरी ने विशेष रूप से भाग लेकर महिला उद्यमियों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि, डिजिटल युग में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है और इससे ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकती हैं।


डिजिटल मार्केटिंग के बारे में जानकारी दी
ओएनडीसी पार्टनर मोहित शर्मा ने प्रतिभागियों को बी2बी और बी2सी विक्रेता पंजीयन, उत्पाद सूचीकरण और डिलीवरी व्यवस्था के बारे में बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि “कम लागत में भी एमएसएमई उद्यमी अपने उत्पादों की ब्रांडिंग और बिक्री को प्रभावी ढंग से बढ़ा सकते हैं। इसके अतिरिक्त मीमो प्रसाद, निदेशक, इंटेलिजेंट टेक्नोलॉजी प्रा. लि.रायपुर ने सोशल मीडिया और मोबाइल ऐप्स के माध्यम से डिजिटल मार्केटिंग की आधुनिक रणनीतियाँ साझा कीं।


96 प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा
इस कार्यक्रम में डॉ. योगेश शर्मा, राज्य परियोजना क्रियान्वयन इकाई (SPIU), सीएसआईडीसी रायपुर ने रैंप योजना की प्रमुख गतिविधियों उद्यमिता संवर्द्धन, प्रशिक्षण, डिजिटल प्रोमोशन और वित्तीय पहुँच पर विस्तृत जानकारी दी। इस कार्यशाला में कुल 96 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें एमएसएमई उद्यमी, महिला उद्यमी, स्वयं सहायता समूह सदस्य, पारंपरिक कारीगर और नए उद्योगपति शामिल रहे। अंत में प्रश्नोत्तर सत्र के साथ कार्यक्रम का सफल समापन हुआ।

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