डोंगरगढ़ की बेटियों ने लहराया परचम: राष्ट्रीय मार्शल आर्ट प्रतियोगिता में 6 पदक जीतकर रचा इतिहास

राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ की दो बालिकाओं ने सहारनपुर में आयोजित राष्ट्रीय सीनियर जूजित्सु प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड सहित कुल 6 पदक जीते।

Updated On 2025-10-17 11:43:00 IST

राणा वसुंधरा सिंह और निधि वर्मा 

राजा शर्मा- डोंगरगढ़। राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ शहर का नाम एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हुआ है। यहां की दो प्रतिभाशाली बालिकाओं- राणा वसुंधरा सिंह और निधि वर्मा ने राष्ट्रीय सीनियर जूजित्सु (मार्शल आर्ट) प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया है। जिसमें उन्होंने गोल्ड सहित कुल 6 पदक जीतकर न केवल डोंगरगढ़ बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ राज्य का नाम देशभर में रोशन किया है।

यह प्रतियोगिता उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में 9 से 18 अक्टूबर तक आयोजित की गई थी, जिसमें देश के 25 राज्यों से आए सैकड़ों खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। इस बीच डोंगरगढ़ की दोनों बालिकाओं ने अपने कौशल, अनुशासन और मेहनत के बल पर जूजित्सु जैसे कठिन और दुर्लभ खेल में विजय हासिल कर सबका ध्यान आकर्षित किया।

छोटे शहरों के खिलाड़ियों पर दिख रहा असर
मुख्य कोच अजय सिंह ने बताया कि, यह उपलब्धि भारत सरकार के 'खेलो इंडिया' अभियान और खेल एवं युवा कल्याण मंत्रालय की निरंतर कोशिशों का परिणाम है। केंद्र सरकार ने खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं, आधुनिक प्रशिक्षण और डोपिंग जागरूकता सेमिनार जैसी पहलों के माध्यम से जो दिशा दी जा रही है। उसका सीधा असर अब छोटे-छोटे शहरों के खिलाड़ियों पर दिखाई दे रहा है।

दोनों विजेता खिलाड़ियों और कोच का हुआ भव्य स्वागत
कोच अजय ने बताया कि, प्रतियोगिता से पहले आयोजित विशेष सेमिनार में खिलाड़ियों को डोपिंग, फिटनेस, स्पोर्ट्स एथिक्स और मानसिक मजबूती जैसे विषयों पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया था। जिससे खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ा और खेल के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित हुआ। वहीं स्थानीय खेल प्रेमियों और नागरिकों में भी इन बेटियों की इस सफलता को लेकर गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। नगर के लोगों ने दोनों विजेता खिलाड़ियों और कोच का भव्य स्वागत किया है।

भारत सरकार की 'न्यू स्पोर्ट्स पॉलिसी' और 'खेलो इंडिया मिशन'
डोंगरगढ़ नगर की ये दोनों बालिकाएं अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयारी कर रही हैं। उनके इस प्रदर्शन ने साबित कर दिया है कि अगर अवसर और सही मार्गदर्शन मिले तो छोटे शहरों की प्रतिभाएं भी देश के लिए स्वर्णिम इतिहास लिख सकती हैं। भारत सरकार की 'न्यू स्पोर्ट्स पॉलिसी' और 'खेलो इंडिया मिशन' के मार्गदर्शन में पले-बढ़े ऐसे खिलाड़ी आज नए भारत की ताकत बन रहे हैं। जो न केवल खेल के मैदान में बल्कि पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुके हैं।

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