राष्ट्रीय सेवा योजना का राष्ट्रीय एकता शिविर: कुरुक्षेत्र हरियाणा में बस्तर विवि की गौरवपूर्ण सहभागिता
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, हरियाणा में 11–17 नवंबर तक चला राष्ट्रीय सेवा योजना का सात दिवसीय शिविर। छात्रों ने बढ़ाया बस्तर का मान, संस्कृतियों के संगम में चमकी बस्तर की पहचान।
राष्ट्रीय एकता शिविर में बस्तर विश्वविद्यालय
अनिल सामंत- जगदलपुर। हरियाणा के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित नेशनल इंटीग्रेशन कैंप (एनआईसी) में शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय के एनएसएस स्वयंसेवकों ने अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज कराते हुए बस्तर की सांस्कृतिक गरिमा को नई ऊंचाई दी।
इस ऐतिहासिक शिविर में प्रतिनिधित्व हेतु कुलपति प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव, कुलसचिव डॉ. राजेश लालवानी, राज्य NSS अधिकारी डॉ. नीता बाजपेई और कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सजीवन कुमार के मार्गदर्शन व सहयोग के प्रति विशेष आभार व्यक्त किया गया।
‘धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र’ से परिचित हुए स्वयंसेवक
प्रथम दिवस शुभारंभ हवन, पंजीयन एवं भव्य स्वागत समारोह से हुआ। जहां कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने विद्यार्थियों को ऐतिहासिक धरा ‘धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र’ से परिचित कराया। दूसरे दिवस बौद्धिक परिचर्चा में लेफ्टिनेंट वीरेंद्र पाल ने राष्ट्रीय एकता शिविर के सांस्कृतिक विविधता से परिचय कराने वाले महत्व को रेखांकित किया।
वैभव चौधरी ने संगीत प्रतियोगिता में हासिल किया प्रथम स्थान
तीसरे दिवस ध्यान-योग सत्र और शाम को बस्तर की सांस्कृतिक झलक दिखाती छात्रों की प्रस्तुति ने समूचे सभागार को मंत्रमुग्ध कर दिया। चतुर्थ दिवस बस्तर के लिए विशेष गौरव का रहा—वैभव चौधरी ने संगीत प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया। पंचम दिवस राष्ट्रीय एकता रैली में सांसद नवीन जिंदल ने तिरंगा फहराने के अधिकार से जुड़ा ऐतिहासिक निर्णय साझा किया।
स्वयंसेवकों को मिले अविस्मरणीय अनुभव
छठवें दिवस ज्योतिसार दर्शन एवं आध्यात्मिक-नैतिक बौद्धिक सत्र ने स्वयंसेवकों को अविस्मरणीय अनुभव दिए। अंतिम दिवस प्रो श्रवण कुमार के मुख्य आतिथ्य में समापन समारोह सम्पन्न हुआ। स्वयंसेवकों ने बस्तर विश्वविद्यालय का नाम पूरे भारत में पहुंचाने पर गर्व व्यक्त किया।
बस्तर की टीम ने सातों दिन योग, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं
राष्ट्रीय एकता शिविर 2025 में बस्तर विश्वविद्यालय की टीम ने सात दिनों तक योग, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, बौद्धिक परिचर्चाओं, राष्ट्रीय रैली ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण और प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर बस्तर की परंपरा,संस्कृति और राष्ट्रीय सेवा की भावना को पूरे देश में गौरवान्वित किया।