सेवा पखवाड़ा: पीएम मोदी के जन्म दिवस पर सार्वा के नेतृत्व में श्रृंगी ऋषि पर्वत पर चलाया गया विशेष स्वच्छता अभियान

पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस के पर अध्यक्ष अरुण सार्वा के नेतृत्व में सिहावा के पवित्र श्रृंगी ऋषि पर्वत पर विशेष स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया।

Updated On 2025-09-17 18:33:00 IST

स्वच्छता करते हुए अध्यक्ष अरुण सार्वा

गोपी कश्यप- नगरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में चल रहे सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत सिहावा विधानसभा क्षेत्र-56 के ग्राम सिहावा स्थित पवित्र श्रृंगी ऋषि पर्वत पर विशेष स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया। इस अभियान का नेतृत्व जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सार्वा ने किया। उनकी उपस्थिति और मार्गदर्शन ने इस पहल को विशेष महत्व प्रदान किया।

अभियान का उद्देश्य केवल पर्वत की सफाई करना ही नहीं था, बल्कि स्थानीय नागरिकों में सेवा, स्वच्छता और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को मजबूत करना भी रहा। अरुण सार्वा ने इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि श्रृंगी ऋषि पर्वत केवल धार्मिक आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। ऐसे पवित्र स्थलों की स्वच्छता बनाए रखना हर नागरिक का कर्तव्य है। इस अभियान के दौरान प्रतिभागियों ने श्रमदान कर श्रृंगी ऋषि पर्वत परिसर में फैली गंदगी, प्लास्टिक और कचरे को साफ किया। पर्वत की स्वच्छता देखकर ग्रामीणों में उत्साह और गर्व की भावना देखने को मिली। लोगों ने यह भी संकल्प लिया कि भविष्य में नियमित रूप से ऐसे कार्यक्रम आयोजित कर इस पवित्र स्थल को स्वच्छ और सुरक्षित रखा जाएगा। 


लोगों को दिया गया स्वच्छता का संदेश
यह अभियान केवल एक दिन का कार्यक्रम नहीं था, बल्कि सेवा और सद्भावना का जीवंत उदाहरण था। श्रृंगी ऋषि पर्वत पर किया गया स्वच्छता कार्य आने वाली पीढ़ियों को यह संदेश देता है कि हमारी संस्कृति और धरोहरों की रक्षा तभी संभव है, जब हम सभी मिलकर जिम्मेदारी निभाएँ। अरुण सार्वा के नेतृत्व में हुआ यह आयोजन सिहावा क्षेत्र में जनभागीदारी और सामाजिक चेतना का प्रेरक उदाहरण बनकर सामने आया है।

ये वरिष्ठ लोग रहे उपस्थित
अभियान में बड़ी संख्या में ग्राम पंचायत प्रतिनिधि, समाजसेवी, महिला समूह और स्थानीय नागरिक जुड़े। प्रमुख उपस्थित जनों में अनिल वाधवानी, उपसरपंच सुनील यादव, लकेश्वर यादव, चंद्रभान देव, चंद्रकांत शांडिल्य, गिरीश शांडिल्य, हलधर शार्दुल, जीवन शांडिल्य, मंशा गौर, दिलीप शांडिल्य और तोरन नाग शामिल रहे। महिला प्रतिनिधियों की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही। इनमें गायत्री शांडिल्य, सरिता शांडिल्य, गोदावरी शांडिल्य, नवली बाई, केशनी शार्दुल, अंजनी शांडिल्य, चंद्रिका सूर्यवंशी, माया बाई, गीता शांडिल्य, सुरेखा शांडिल्य, बिंदा बाई, ईश्वरी यादव और सुमरित नाग के नाम प्रमुख रहे।

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