मानसिक अवसाद में निगल लिया ब्लेड: आहार नली में जा फंसा, डॉक्टरों ने एंडोस्कोपी कर बचाई मरीज की जान
मानसिक अवसाद से ग्रसित मरीज ने शेविंग ब्लेड निगल लिया। ब्लेड पेट में जाने के बजाए आहार नली में जा फंसा और पखवाड़े भर से उसका खाना-पीना दुश्वार हो गया।
आहार नली में जा फंसा ब्लेड
रायपुर। मानसिक अवसाद से ग्रसित मरीज ने शेविंग ब्लेड निगल लिया। ब्लेड पेट में जाने के बजाए आहार नली में जा फंसा और पखवाड़े भर से उसका खाना-पीना दुश्वार हो गया। मरीज की समस्या को जानकर मिडॉस हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने इंडोस्कोपिक सर्जरी के जरिए ब्लेड बाहर निकाला। कुछ दिनों तक डाक्टरों की निगरानी में रखने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
मिडास हॉस्पिटल के सीनियर गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ मुकेवार तथा उनकी विशेषज्ञ टीम ने मिलकर एंडोस्कोपिक सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा किया। डाक्टरों ने बताया कि मरीज के परिजन जब उसे लेकर आए, तो जांच के दौरान पता चला कि वह लंबे समय से स्किजोफ्रेनिया से पीड़ित है। उसे भोजन निगलने में होने वाली कठिनाई की शिकायत पर मिडास हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।
मनोचिकित्सक की मदद से गई पूछताछ में पता चला कि 40 वर्षीय मरीज को सायकोटिक डिप्रेशन की समस्या है, जिसमें उसे विभिन्न तरह की आवाज सुनाई देने का भ्रम होता है। इसी भ्रम के कारण उसने ब्लेड निगल लिया था। एंडोस्कोपी से जांच के बाद मरीज की अन्न नली में फुल-थिकनेस पर्पोरेशन पाया गया। इसके बाद सर्जरी की प्रक्रिया पूरी कर ब्लेड को बाहर निकाला गया।
सामान्य रूप से खाना खा सकता है
डॉ. सौरभ ने बताया कि इस केस में कई जटिल चुनौतियां थीं, जिनमें रेजर ब्लेड से हुई शारीरिक चोट का इलाज करना और मरीज को सही मानसिक स्वास्थ्य उपचार देना शामिल था। टीम के संयुक्त प्रयासों से रेजर ब्लेड को सफलतापूर्वक अन्ननली से बाहर निकाला गया। उपचार का अच्छा असर दिखाया है और अब वह सामान्य रूप से खाना खा सकता है। उसे स्थिर हालत में हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई है और आगे भी उसका सही तरीके से इलाज जारी रहेगा।