लुत्ती के बाद टूटा गेरसा का बांध: अहिराज सांप के बिल से शुरू हुआ था रिसाव

बलरामपुर जिले के लुत्ती बांध के बाद लुंड्रा में गेरसा बांध टूट गया है। शनिवार की सुबह- सुबह बांध का एक बड़ा हिस्सा धराशायी हो गया।

Updated On 2025-09-07 10:41:00 IST

लुंड्रा में गेरसा बांध टूटा

अंबिकापुर। बलरामपुर जिले के लुत्ती बांध के बाद लुंड्रा में गेरसा बांध टूट गया है। शनिवार की सुबह- सुबह बांध का एक बड़ा हिस्सा धराशायी हो गया। गनीमत रही कि घटना दिन के उजाले में हुई और बांध के आस पास कोई रिहायशी बस्ती नहीं है, जिससे बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। बांध के टूटने से लगभग 20 एकड़ में लगी फसल पानी में तबाह हो गई है। घटना की सूचना मिलने के बाद कलेक्टर के साथ ही आला अधिकारी और विभाग की टीम मौके ओर पर पहुंची हुई है।विभाग ने बांध के मरम्मत का काम शुरू कर दिया है और सिर्फ 2 मीटर ही पानी निकलने की संभावना है। बताया जा रहा है सरगुजा के लुंड्रा विकासखंड अंतर्गत ग्राम गेरसा में जल संसाधन विभाग का लघु सिंचाई योजना का बांध स्थित है।

इस बांध से शुक्रवार की शाम से ही रिसाव होना शुरू हो गया था और शनिवार की सुबह लगभग 10 बजे अचानक ही बांध के दाई पलैन्क का 25-30 मीटर का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। बांध के टूटने व बाढ़ की शक्ल में पानी तेजी से निकलने लगा। ऐसे में गांव में हड़कंप मच गया। बांध टूटने की जानकारी मिलने के बाद विभाग के आला अधिकारियों के साथ ही कलेक्टर, जिपं सीईओ विनय अग्रवाल, एसएसपी राजेश अग्रवाल भी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने क्षतिग्रस्त बांध का निरीक्षण करने के साथ ही किसानों से मुलाकात की। इस दौरान ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि शासन-प्रशासन उनकी हर संभव मदद करेगा और किसानों को हुए नुकसान की भरपाई प्राथमिकता से की जाएगी। इस दौरान एसडीएम जेयू शतरंज, राज्य बांध सुरक्षा संगठन रायपुर से मुख्य अभियंता अरुण बाड़िये, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता अशोक निरंजन सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे

लोग सुरक्षित, फसलें तबाह
गेरसा बांध के टूटने की घटना दिन के समय हुई। अच्छी बात यह है कि बांध के आस पास रिहायशी मकान नहीं है। बांध के पास लोगों के खेत है। बांध टूटने से किसानों की लगभग 20 एकड़ में लगी धान की फसल के तबाह होने की बात कही जा रही है। घटना के बाद अधिकारियों ने प्रभावित गांवों में मुनादी कराकर ग्रामीणों को सतर्क करने के निर्देश दिए है ताकि जान-माल की हानि न हो। प्रभावित किसानों की फसल क्षति का त्वरित सर्वे कर मुआवजा भुगतान की कार्रवाई शीघ्र प्रारंभ कर दी गई है। प्रभावित क्षेत्र में मछली पकड़ने की गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने कहा गया है।

मरम्मत कार्य शुरू
जल संसाधन विभाग के ईई ने बताया कि, गेरसा बांध के निर्माण 1990 में किया गया था। लघु सिंचाई योजना के इस बांध में 12 से 13 मीटर तक पानी भरा हुआ था। इस घटना से किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। नुकसान का आंकलन करने के साथ ही बांध के मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया है। क्षतिग्रस्त होने के बाद भी बांध में 65 प्रतिशत पानी शेष रहेगा।

1990 में बनकर तैयार हुआ था बांध
बताया जा रहा है कि ग्राम गेरसा में सिंचाई विभाग के इस बांध का निर्माण 1988 में शुरू हुआ था। लघु सिंचाई परियोजना के तहत बांध 1990 में बनकर तैयार हुआ। इस बांध से लगभग 142 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ एवं रबी फसलों की सिंचाई होती है। बांध की अधिकतम ऊंचाई लगभग 24 मीटर है तथा इसका कैचमेंट क्षेत्रफल 1.95 वर्ग किलोमीटर है। जलभराव की क्षमता 0.96 एमसीएम है। घटना के समय बांध में लगभग 0.15 एमसीएम पानी भरा हुआ था।

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