कृषक उन्नति योजना 2.0: धान से धनवान बन रहे किसान अब दलहन-तिलहन भी बेच सकेंगे समर्थन मूल्य पर

कृषक उन्नति योजना 2.0 और PM-AASHA के तहत दलहन-तिलहन की MSP खरीदी को केंद्र की मंजूरी मिलने से छत्तीसगढ़ के किसानों को आय सुरक्षा और फसल विविधीकरण का मजबूत सहारा मिला है।

Updated On 2025-12-23 16:19:00 IST

विष्णु सरकार कर रही अन्नदाता किसानों का पूरा सम्मान, परिश्रम का मिल रहा पूरा दाम

रायपुर। छत्तीसगढ़ की कृषि अब केवल धान तक सीमित नहीं रह गई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली BJP सरकार ने खेती को लाभकारी, विविध और टिकाऊ बनाने की दिशा में एक के बाद एक ठोस फैसले लेकर राज्य की कृषि नीति को नई दिशा दी है।

एक ओर जहां कृषक उन्नति योजना 2.0 के जरिए किसानों को प्रति एकड़ इनपुट सहायता देकर दलहन-तिलहन जैसी वैकल्पिक फसलों की ओर प्रेरित किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) के तहत दलहन और तिलहन फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी को केंद्र सरकार की मंजूरी मिलना किसानों के लिए डबल लाभ और बड़ी राहत बनकर सामने आया है।


खरीफ सीजन में 425 करोड़ की स्वीकृति
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की विशेष पहल पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश के कृषि मंत्री रामविचार नेताम के साथ हुई उच्चस्तरीय चर्चा के बाद खरीफ सीजन में 425 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है। इससे छत्तीसगढ़ में फसल विविधीकरण, आय सुरक्षा और कृषि आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत और समन्वित मॉडल उभर रहा है।

मार्च 2024 में हुई थी योजना की शुरुआत
कृषक उन्नति योजना की शुरुआत छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मार्च 2024 में की गई थी। इसका उद्देश्य किसानों को खेती के लिए आवश्यक बीज, खाद, कीटनाशक और अन्य इनपुट लागत में सहायता देना था, ताकि खेती का बढ़ता खर्च कम हो सके।


24.72 लाख किसानों को मिला सीधा लाभ
योजना के पहले चरण में उन किसानों को लाभ दिया गया, जिन्होंने खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में अपना धान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बेचा था।
इस चरण में 24.72 लाख से अधिक किसानों के खातों में लगभग ₹13,320 करोड़ रुपये की राशि DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से सीधे भेजी गई। यह छत्तीसगढ़ के कृषि इतिहास की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष सहायता योजनाओं में से एक रही।


धान से आगे बढ़ने की रणनीति
पहले चरण की सफलता के बाद BJP सरकार ने इसे कृषक उन्नति योजना 2.0 के रूप में और अधिक व्यापक बनाया। इस चरण में योजना को केवल धान तक सीमित न रखते हुए दलहन, तिलहन, मक्का और अन्य फसलों तक विस्तारित किया गया।

प्रति एकड़ ₹10,000 से ₹15,351 तक सहायता
कृषक उन्नति योजना 2.0 के तहत सरकार अलग-अलग फसलों के लिए प्रति एकड़ ₹10,000 से ₹15,351 तक इनपुट सहायता प्रदान कर रही है। यह सहायता फसल और मौसम के अनुसार तय की गई है, ताकि किसानों को वास्तविक जरूरत के अनुसार लाभ मिल सके।


दलहन-तिलहन की ओर बढ़ता किसानों का रुझान
योजना 2.0 के लागू होने के बाद छत्तीसगढ़ में किसानों का रुझान धीरे-धीरे दलहन और तिलहन फसलों की ओर बढ़ रहा है। और इससे- किसानों को आय के नए स्रोत मिल रहे हैं, खेती का जोखिम कम हो रहा है, राज्य दाल और तेलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। यह पहल केंद्र सरकार की पोषण सुरक्षा और फसल विविधीकरण नीति के अनुरूप भी मानी जा रही है।

DBT से खत्म हुआ बिचौलियों का सिस्टम
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में BJP सरकार ने योजना को पूरी पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ लागू किया। DBT के माध्यम से राशि सीधे किसानों के खातों में पहुंचने से बिचौलियों की भूमिका समाप्त हुई और किसानों को पूरा लाभ मिला।


ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिली मजबूती
सीधी आर्थिक सहायता से किसानों की क्रय शक्ति बढ़ी, जिससे गांवों में बाजार, रोजगार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सोच: किसान मजबूत तो राज्य मजबूत
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कई अवसरों पर स्पष्ट किया है कि कृषक उन्नति योजना कोई साधारण सब्सिडी योजना नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के कृषि-आधारित विकास मॉडल की आधारशिला है। उनका मानना है कि, 'जब किसान आर्थिक रूप से मजबूत होगा, तभी गांव, समाज और राज्य का समग्र विकास संभव होगा।' इसी सोच के तहत सरकार योजना के दायरे और लाभ को लगातार बढ़ा रही है।


कृषि के क्षेत्र में संतुलित हो रहा छत्तीसगढ़
कुल मिलाकर, कृषक उन्नति योजना 2.0 छत्तीसगढ़ में कृषि विकास, किसान सशक्तिकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की दिशा में एक निर्णायक और दूरदर्शी कदम साबित हो रही है। BJP और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में यह योजना किसानों को धान-केंद्रित खेती से आगे बढ़ाकर दलहन-तिलहन और वैकल्पिक फसलों की ओर प्रेरित कर रही है, जिससे छत्तीसगढ़ कृषि के क्षेत्र में संतुलित, टिकाऊ और समृद्ध भविष्य की ओर अग्रसर हो रहा है।

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