माठ में राष्ट्रभावना का प्रदर्शन: RSS का शताब्दी वर्ष पर भव्य पथ संचलन, जयघोष से गूंज उठा ग्राम

खरोरा में RSS के शताब्दी वर्ष पर विजयादशमी उत्सव व भव्य पथ संचलन हुआ। सैकड़ों स्वयंसेवकों ने अनुशासन, एकता और राष्ट्रभक्ति का संदेश दिया।

Updated On 2025-10-09 15:11:00 IST

पथ संचलन करते हुए

सूरज सोनी- खरोरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष 100 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर गुरुवार को तिल्दा खंड के माठ मंडल का विजयादशमी उत्सव और भव्य पथ संचलन ग्राम माठ में अत्यंत उत्साह एवं अनुशासन के साथ संपन्न हुआ। यह आयोजन संघ के शताब्दी वर्ष की दिशा में समाज संगठन, सेवा और राष्ट्र जागरण के उद्देश्य से किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला माठ के प्रांगण में शाखा लगने के बाद हुआ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सत्यनारायण गुप्ता (संचालक हरगुन सोलर प्लांट), मुख्य वक्ता त्रिभुवन नारायण (विभाग व्यवस्था प्रमुख, रायपुर विभाग) और देवेन्द्र ठाकुर जी जिला संघचालक के मार्गदर्शन से उपस्थित स्वयंसेवकों को प्रेरणादायी विचार प्राप्त हुए।

देश की ‘बीमारी’ को दूर करने का लिया संकल्प
मुख्य वक्ता त्रिभुवन नारायण ने अपने उद्बोधन में संघ के प्रथम सरसंघचालक श्रद्धेय डॉ. हेडगेवार के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, देश और समाज की दयनीय स्थिति को देखकर डॉक्टरी पेशे को त्याग दिया और देश की ‘बीमारी’ को दूर करने का संकल्प लिया। नागपुर में 17 स्वयंसेवकों के साथ विजयादशमी के पावन दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। उन्होंने विभिन्न समाज प्रमुखों से संपर्क कर नये स्वयंसेवकों को जोड़ने का कार्य प्रारंभ किया।


समाज को एकता और संगठन का देते रहे संदेश
यात्रा के साधन सीमित होने के बावजूद उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन राष्ट्रसेवा में अर्पित कर दिया। आजीवन अविवाहित रहकर वे प्रचारक के रूप में समाज को एकता और संगठन का संदेश देते रहे। उनके अस्वस्थ होने पर माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर (गुरुजी) ने भारतवर्ष का सात बार भ्रमण कर संघ के कार्य को गति प्रदान की। गुरुजी ने बिना किसी साधन-संपन्नता के संघ को दो दशक तक सींचते हुए बीज रूपी संगठन को एक विशाल वटवृक्ष का स्वरूप दिया। 1940 से 1950 तक सामान्य रूप से संघ का विस्तार हुआ पर आगे विविध अनुसांगिक संगठनों का प्रादुर्भाव करते गए। विहिप,भाजपा विद्यार्थी परिषद,विद्या भारती जैसे अनेक संगठनों का विस्तार हुआ।

'भारत माता की जय', 'वंदे मातरम्' के लगाए नारे
कार्यक्रम में मंडल के सैकड़ों स्वयंसेवकों ने गणवेशधारी अनुशासन और एकता का प्रदर्शन करते हुए भव्य पथ संचलन किया। संचलन के दौरान स्थानीय नागरिकों और मातृशक्तियों ने पुष्प वर्षा कर अभिनंदन देने के साथ उत्साह बढ़ाया। साथ ही 'भारत माता की जय', 'वंदे मातरम्' और 'जय श्रीराम' के नारे से संपूर्ण ग्राम वातावरण गूंज उठा।

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