पीपल पेड़ काटने के दो आरोपी गिरफ्तार: कब्जे की नीयत से जमीन समतल करने काटा था पेड़
खैरागढ़ जिले में 25 साल पहले रोपे गए पीपल के पेड़ को कटा हुआ देखकर 95 वर्षीय देवला बाई रो पड़ी। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
पुलिस की गिरफ्त में दोनों आरोपी
प्रदीप बोरकर- खैरागढ़। छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले में 25 साल पहले रोपे गए पीपल के पेड़ को असामाजिक तत्वों ने काट दिया था। कटे पेड़ को देखकर 95 वर्षीय देवला बाई रो पड़ी थी। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार, प्रार्थी प्रमोद पटेल ने खैरागढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि ग्राम सर्रागांदी के बाहर सड़क किनारे शासकीय भूमि पर स्थित पीपल के पेड़ की ग्रामीण लगभग 20 वर्षों से पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं। पांच अक्टूबर की सुबह इमरान मेमन द्वारा उक्त शासकीय भूमि पर स्थित पीपल के पेड़ को अपने साथी की सहायता से कटवाने का प्रयास किया गया। इस मौके पर पहुंचे ग्रामीणों की आपत्ति के कारण यह प्रयास असफल रहा। लेकिन अगले दिन की सुबह वह पेड़ पूर्णतः कटा हुआ पाया गया। धार्मिक आस्था को ठेस पहुचाने की रिपोर्ट पर थाना खैरागढ़ में अपराध क्रमांक 464/2025 धारा 298, 3(5) भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की गई।
पूछताछ में आरोपी ने कबूला जुर्म
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस टीम द्वारा त्वरित रुप से कार्यवाही करते हुये आरोपी इमरान मेमन को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि, उसके खरीदे गए जमीन के सामने शासकीय भूमि पर पीपल का पेड़ स्थित था। उस जमीन को अपने भू-भाग के साथ समतल करना चाहता था। इसके लिए उसने प्रकाश कोसरे निवासी लालपुर की सहायता से घटना को अंजाम दिया। जांच में पाया गया कि प्रकाश कोसरे ने लकड़ी काटने की मशीन (लखा मशीन) से पीपल के पेड़ को काटा, जबकि इमरान मेमन सड़क पर खड़ा होकर निगरानी कर रहा था।
पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर भेजा जेल
इस घटना के बाद दोनों आरोपी खैरागढ़ लौट आए तथा मशीन को नदी में फेंक दिया, जिसे गोताखोरों की मदद से तलाशने का प्रयास किया जा रहा है। आरोपी के निशानदेही पर अपराध में प्रयुक्त स्कूटी जप्त की गई एवं प्रकरण में धारा 238 BNS तथा धारा 3 शासकीय सम्पत्ति विरूपण अधिनियम जोड़ी गई। दोनों आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है।