बस्तर में बह रही विकास की बयार: जहां पहले था खौफ का अंधेरा, अब वहां पहुंच रही बिजली, ग्रामीणों में उत्साह
सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित 268 गांवों में बिजली पहुंचाने के सरकार के प्रयासों से ग्रामीणों में खुशी की लहर है, जहां दशकों बाद रोशनी पहुंची है।
बिजली लगने से ग्रामीणों में खुशी
महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में लाल आतंक के अंधेरे को खत्म कर विकास की नई किरण उग रही है। जहां पहले खौफ और अंधेरा था, अब वहां बिजली पहुंच रही है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर बदल रही है। बस्तर संभाग अंतर्गत सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित 268 गांवों में बिजली पहुंचाने के सरकार के प्रयासों से ग्रामीणों में खुशी की लहर है, जहां दशकों बाद रोशनी पहुंची है। अंधेरे में डूबा यह क्षेत्र अब रोशनी से जगमगा उठा है।
शासन के नियद नेल्लानार योजना के तहत अब दूरदराज के इलाकों के घरों में भी बिजली की रोशनी दिख रही है, साथ ही बिजली कनेक्शन दिए जा रहे हैं। बिजली आने से शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में विकास के नए रास्ते खुल रहे हैं, जिससे ग्रामीण अपना भविष्य संवार रहे हैं।
ग्रामीणों में दिखा उत्साह
बिजली बहाल होते ही ग्रामीणों ने प्रशासन और सुरक्षा बलों का आभार जताया। लोगों ने कहा कि अब वे अन्य बुनियादी सुविधाओं जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा और पीने के पानी की मांग भी सरकार से करने लगे हैं। लंबे समय तक डर के साए में जीने वाले लोग अब उम्मीद की नई रोशनी देख रहे हैं।
हर संभव बिजली बहाल करें
विद्युत कंपनी सुकमा जिले के कार्यपालन अभियंता एचके ध्रुव ने क्षेत्र के सहायक एवं कनिष्ठ अभियंताओं को निर्देश दिए कि ग्रामीणों की बिजली बंद होने की शिकायत तत्काल स्थल में पहुंचे और हर संभव बिजली बहाल करें।