गोढ़ी में लाखों रुपए का अवैध खनन: सरपंच के संरक्षण में मुरुम माफिया, रात में जमकर हो रहा खनन

राजधानी रायपुर के जनपद पंचायत आरंग के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत गोढ़ी में अवैध मुरुम खनन का खेल जोरों पर है।

Updated On 2025-10-16 10:32:00 IST

अवैध मुरुम खनन

डागेश यादव-आरंग। राजधानी रायपुर के जनपद पंचायत आरंग के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत गोढ़ी में अवैध मुरुम खनन का खेल जोरों पर है। मुरुम माफिया ने सरपंच की कथित संरक्षण में गांव की जमीनों से रात के अंधेरे में जेसीबी और हाइवा वाहनों के सहारे लाखों रुपए का अवैध खनन किया जा रहा है।

इससे न केवल शासन को भारी राजस्व हानि हो रही है, बल्कि पर्यावरण को भी गंभीर नुकसान पहुंच रहा है। स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि, यह सब सत्ता के साए में हो रहा है, और प्रशासनिक सेटिंग के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही।

नया रायपुर के शांत इलाकों में बेनकाब हुआ मुरुम माफिया का खेल
पिछले दिनों नया रायपुर के शांत इलाकों में महीनों से चल रहा अवैध मुरुम खनन का काला कारोबार आखिरकार बेनकाब हो गया। एनआरडीए (नया रायपुर विकास प्राधिकरण) और पुलिस की संयुक्त टीम ने छापेमारी की, जिसमें राजनीति की जड़ें उजागर हो गईं। कार्रवाई में 7 जेसीबी मशीनें और 11 हाईवा वाहन जब्त किए गए। इन वाहनों के मालिकों के नाम ने सियासी गलियारों में हड़कंप मचा दिया। जब्त वाहनों में से अधिकांश पूर्व में पकड़े गए भाजपा और कांग्रेस नेताओं के करीबियों से जुड़े पाए गए, जो आज तक अदालती प्रक्रिया में फंसे हुए हैं।


ग्रामीणों का गुस्सा फूटा
स्थानीय लोगों का आरोप है कि, मुरुम माफिया सत्ता के संरक्षण में बेखौफ होकर काम कर रहे हैं। प्रशासनिक सेटिंग के चलते दिन-रात खुलेआम खनन होता रहा और कोई रोकने वाला नहीं था। कार्रवाई से पहले कई बार शिकायतें दर्ज की गईं, लेकिन ऊपर से दबाव के कारण कोई कदम नहीं उठाया गया। ग्रामीणों ने बताया कि, गोढ़ी गांव में रात के समय जेसीबी की गड़गड़ाहट और हाईवों की आवाजाही आम हो गई है। इससे नदी किनारों पर गहरे गड्ढे बन गए हैं, जो जानलेवा साबित हो सकते हैं। एक ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, सरपंच को सब पता है, लेकिन वे चुप हैं। ऊपर तक पैसा पहुंच रहा है।

जमीनी स्तर पर समस्या जस का तस
यह मामला सरकार और विपक्ष दोनों पर सवाल खड़ा कर दिया है। एक तरफ बीजेपी के नेताओं के नाम जुड़े हैं, तो दूसरी ओर कांग्रेस पदाधिकारी भी इसमें फंसे दिख रहे हैं। जनता का सवाल है कि, जब दोनों दलों के लोग शामिल हैं, तो कार्रवाई किस-किस के खिलाफ होगी? छत्तीसगढ़ में 2024 में ही अवैध खनन के 7,723 मामले दर्ज हो चुके हैं, जिसमें करोड़ों का राजस्व वसूला गया, लेकिन जमीनी स्तर पर समस्या जस की तस बनी हुई है।

अवैध खनन को रोकने के लिए उच्च अधिकारियों से करेंगे बात
जनपद सदस्य गोपाल धीवर ने इस मुद्दे पर बातचीत में कहा कि, मैंने सरपंच को पूर्व में ही अवगत कराया था कि, गांव में अवैध मुरुम खनन चल रही है। यह पूरी तरह अवैधानिक है। इसे तत्काल बंद कराया जाए और सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। पंचायतों को गौण खनिज नियम 1996 के तहत अवैध खनन रोकने के अधिकार दिए गए हैं, लेकिन अमल में कमी है। मैं जल्द ही उच्च अधिकारियों से बात करूंगा ताकि गोढ़ी में छापेमारी हो और दोषियों पर मुकदमा दर्ज हो।

खनिज विभाग की टीम कर रही कार्रवाई
प्रशासन ने इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, शिकायत मिलने पर जांच शुरू कर दी गई है। खनिज विभाग की टीम जल्द ही मौके पर पहुंचेगी। ग्रामीणों ने की मांग है कि, जब तक स्थायी समाधान न हो, रात में गश्त बढ़ाई जाए। यह घटना छत्तीसगढ़ में बढ़ते अवैध खनन की कड़वी सच्चाई को उजागर करती है, जहां राजनीतिक संरक्षण पर्यावरण और कानून को चुनौती दे रहा है।

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