लाल आतंक के चेहरे का अंत: हिडमा ने 20 वर्षों से बस्तर में की दहशतगर्दी, आईजी बोले- बचे नक्सलियों को भी चुन- चुनकर मारेंगे
बस्तर में पिछले 20 वर्षों से दहशतगर्दी फ़ैलाने वाला हिडमा मुठभेड़ में मारा गया है। इस पर बस्तर आईजी ने इसे आतंक के चेहरे का अंत बताते हुए निर्णायक दिन कहा है।
बस्तर में पिछले 20 वर्षों से दहशतगर्दी फ़ैलाने वाले नक्सली हिडमा की तस्वीर
जीवानंद हलधर- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले की सीमा से लगे आंध्रपदेश के अल्लूरी सीतारामराजू ज़िले के मारेडुमिली क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने हिड़मा को उसकी पत्नी के साथ मार गिराया है। इसी के साथ बस्तर में दशकों से दहशतगर्दी फ़ैलाने वाले चेहरे का अंत हो गया है। कुख्यात नक्सली लीडर हिडमा की डेढ़ होने के बाद बस्तर आईजी ने प्रेस वार्ता कर जानकारी दी।
बस्तर आईजी ने जानकारी देते हुए बताया कि, नक्सली विरोध अभियान में आज का दिन एक निर्णायक साबित हुआ है। आंध्रा- छत्तीसगढ़ सीमा पर हुए मुठभेड़ में माड़वी हिडमा को आंध्रा के सुरक्षाबलों ने मार गिराया है। उन्होंने आगे बताया कि, हिडमा ने विगत 20 वर्षों से बस्तर में आतंक मचा कर रखा था जिसका अब अंत हो गया है। अब देवा के साथ ही शेष 6 सीसी मेंबर ही शेष है।
हिडमा ने नहीं सुनी मां की अपील, अब मारा गया
बस्तर आईजी ने बताया कि, माड़वी हिडमा ताड़मेटला सहित बड़े नक्सली वारदात में शामिल था। सुरक्षाबलों ने हिडमा से मुख्यधारा में लौटने की अपील की थी। हिडमा ने अपनी मां की अपील को नहीं सुना इसलिए अब वह मारा गया। हिडमा के अंत के साथ ही नक्सलियों के रीढ़ की हड्डी टूट गई है। वहीं इस दौरान बस्तर आईजी ने शेष बचे नक्सलियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील की।
छुपे नक्सलियों का जल्द होगा अंत
बस्तर आईजी ने कहा- आने वाले समय भी नियमित रूप से नक्सली अभियान संचालित रहेगा। इस दौरान छुपे हुए नक्सलियों को ढूंढ- ढूंढ़कर मारा जायेगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि, नक्सली कहीं भी छुपे हो अब उनका अंत तय है। छत्तीसगढ़ पुलिस की दवाब के चलते नक्सली अब बस्तर छोड़ रहे हैं।