हरिभूमि डॉट कॉम की खबर का असर: बारदाना गड़बड़ी मामले में समिति प्रभारी प्रबंधक निलंबित, प्रभारी कर्मी भी बर्खास्त

हरिभूमि डॉट कॉम में प्रमुखता से खबर प्रकाशित करने के बाद समिति प्रभारी प्रबंधक को निलंबित कर दिया गया है। वहीं बारदाना प्रभारी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।

Updated On 2025-12-12 17:09:00 IST

बारदाना गड़बड़ी मामले में समिति प्रभारी प्रबंधक निलंबित

कुश अग्रवाल- बलौदा बाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले से हरिभूमि डॉट कॉम की खबर का बड़ा असर हुआ है। यहां पर बीते दिनों सहकारिता विभाग ने सिमगा विकासखंड के धान खरीदी केंद्र बनसाकरा में अनियमितताओं पर कार्रवाई की थी। जिसको हरिभूमि डॉट कॉम में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। जिसके बाद अब समिति प्रभारी प्रबंधक सतीश महिलांग को तत्काल निलंबित कर दिया गया है।

जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि, प्रभारी प्रबंधक द्वारा धान खरीदी नीति 2025-26 के निर्देशों का घोर उल्लंघन किया गया। नए सरकारी जूट बारदाना को उन्होंने नियम विरुद्ध किसान पुरुषोत्तम नायक सहित अन्य लोगों को उपलब्ध कराया, जिसके कारण धान खरीदी प्रणाली प्रभावित हुई और समिति की साख को भारी नुकसान हुआ था। इस गंभीर लापरवाही और अनियमितता को देखते हुए विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए बारदाना प्रभारी दैनिक वेतन कर्मी कुमारी थानेश्वरी साहू को सेवा से बर्खास्त कर दिया है।


जानिए क्या है पूरा मामला
भाटापारा- सिमगा राजस्व अनुभाग की टीम ने सहकारी समिति अध्यक्ष के घर दबिश दी थी। इस दौरान अध्यक्ष के घर से 60 बोरी अवैध धान और 110 नग नया बारदाना जब्त किया गया था। हैरानी की बात यह है कि, जब्त किए गए इन खाली बारदानों पर 'छत्तीसगढ़ राज्य विपणन संघ का स्पष्ट रूप से मुद्रांकन पाया गया था।


110 नए खाली बारदाने हुए थे जब्त
बता दे कि, ये वही सरकारी बारदाने हैं जिन्हें मंडियों में धान खरीदी के लिए आधिकारिक रूप से सप्लाई किया जाता है। ग्राम बनसांकरा में राजस्व एवं खाद्य विभाग की संयुक्त कार्रवाई के दौरान धान खरीदी समिति अध्यक्ष सुनील नायक और पुरुषोत्तम नायक के निजी गोदाम से समिति के नए बारदाने मिले थे। इनमें भरे हुए 40 बोरी, 20 बोरी धान, कुल 60 बोरी अवैध धान के साथ ही करीब 110 नए खाली बारदाने जब्त कर सहकारी समिति चौरेंगा (चंदेरी) को सुपुर्द किया गया।


बड़े पैमाने में हेराफेरी की आशंका
इस कार्रवाई के बाद एक बड़ा सवाल उठ खड़ा हो रहा है कि, जब बारदानों पर स्पष्ट रूप से छत्तीसगढ़ राज्य विपणन संघ लिखा हुआ था, तो समिति अध्यक्ष के घर कैसे पहुंचा। क्या यह सरकारी आपूर्ति में हेराफेरी का मामला है या समिति स्तर पर बारदानों का दुरुपयोग किया जा रहा था। फिलहाल मामले में गहनता से जांच के बाद ही तथ्य सामने आएगा।


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