निजी हॉस्पिटल में डॉक्टर ने बरती थी लापरवाही: महिला के पेट में छोड़ दी थी कैंची, पांच साल बाद निकाला
भिलाई में ऑपरेशन के दौरान एक महिला के पेट में सर्जिकल फोर्सप्स (कैंची) छोड़ने का मामला सामने आया है।
भिलाई। भिलाई में ऑपरेशन के दौरान एक महिला के पेट में सर्जिकल फोर्सप्स (कैंची) छोड़ने का मामला सामने आया है। कई साल बाद जब महिला के पेट के निचले हिस्से में असहनीय दर्द शुरू हुआ, तो उसने फिर से डॉक्टर को दिखाया। एक्सरे जांच के दौरान पता चला कि महिला के पेट में कैंचनुमा कोई चीज पड़ी हुई है।
जानकारी के मुताबिक, कुसुम कुर्रे (45) भिलाई की रहने वाली है। वह कुछ दिन पहले लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल सुपेला अपने पेट में दर्द की समस्या को लेकर पहुंची थी। वहां एमडी मेडिसिन डॉ. पीयुष देवांगन ने महिला की जांच की। उन्हें महिला के पेट में किसी फॉरेन बॉडी के होने की आशंका हुई। इसके बाद उन्होंने महिला को एक्सरे कराने की सलाह दी और उसे डॉ. सुधीर शुक्ला के पास भेजा। कुसुम ने बीते 4 नवंबर को सुधीर एक्सरे में एक्सरे कराया। उसमें पाया गया कि महिला के पेट के निचले हिस्से में एक कैंचीनुमा चीज पड़ी है। लगभग 5 सालों से कैंची वहीं पड़ी रहने से अब महिला के अंदरूनी अंगों में इनफेक्शन फैल रहा है और इससे उसे यह समस्या हो रही है।
दर्द के साथ पेशाब से आने लगा था खून
डॉ. पीयुष देवांगन ने बताया कि, कुसुम कुर्रे नाम की महिला उनके पास चेकअप के लिए आई थीं। उनकी कमर में काफी अधिक दर्द था। साथ ही पेशाब के साथ खून जा रहा था। महिला ने बताया कि 5 साल पहले उन्होंने एक हॉस्पिटल में यूट्रस निकलवाया था। वहीं ऑपरेशन के दौरान कुछ हुआ है। जब एक्सरे कराया गया तो पाया गया कि उनके पेट के निचले हिस्से कैंची फंसी है। इससे उनके (लंबर एरिया से प्यूबिक एरिया की तरफ) पेट के निचले हिस्से में दर्द हो रहा था।
आनन - फानन में किया ऑपरेशन
डॉ. पीयुष देवांगन ने कुसुम कुर्रे को जिला अस्पताल रेफर किया था, लेकिन कुसुम सीधे नेहरू नगर भिलाई स्थित धनवंतरी हॉस्पिटल पहुंचीं। वहां उन्होंने उनके पेट में कैंची छोड़ देने की शिकायत की। इसकी जानकारी मिलते ही हॉस्पिटल प्रबंधन ने महिला को वहीं एडमिट किया और जनरल व लेप्रोस्कोपी सर्जन डॉ. मोहित तंवर ने उनका 6 नवंबर को दोबारा ऑपरेशन करके उस कैंची को उनके पेट से बाहर निकाला है। जब धनवंतरी अस्पताल प्रबंधन और डॉ. तंवर से संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
ऑपरेशन हुआ निजी अस्पताल में
दुर्ग जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. एके मिंज ने बताया कि, अस्पताल में ऐसा एक केस आया था। महिला को ऑपरेशन की सलाह दी गई थी। इसके बाद महिला धनवंतरी हॉस्पिटल गई, क्योंकि उसका पहले वहीं ऑपरेशन हुआ था। वहां उनका दोबारा ऑपरेशन करके सर्जिकल फोर्सप्स को बाहर निकाल दिया गया है।