गढ़कलेवा के टेंडर पर विवाद: शर्त बदलने का आरोप, जमकर हो रहा विरोध

गढ़कलेवा के संचालन के लिए तीन साल विलंब से जारी हुए टेंडर में गड़बड़ी के आरोप लगने लगे हैं ।

Updated On 2025-10-06 10:43:00 IST

File Photo 

रायपुर। गढ़कलेवा के संचालन के लिए तीन साल विलंब से जारी हुए टेंडर में गड़बड़ी के आरोप लगने लगे हैं। कुछ महिला स्वसहायता समूहों ने आरोप लगाया है कि संस्कृति विभाग के जिम्मेदार मनचाहे समूह को काम दिलाने के लिए गुपचुप तरीके से शर्तों में फेरबदल की हैं। 80 अंक के तकनीकी मूल्यांकन में 50 अंक पाने वालों को पात्र मानकर टेंडर जमा कराया गया और दूसरे दिन नियम को गुपचुप तरीके से बदल दिया गया। इसके अलावा समूह विशेष ने नियम का उल्लघंन कर ठेका हथियाने पांच समूहों के साथ मिलकर आवेदन कर दिया।

लोगों को छत्तीसगढ़िया व्यजंनों का स्वाद चखाने के लिए वर्ष 2016 में संस्कृति विभाग द्वारा सिविल लाइंस स्थित गढ़कलेवा का संचालन चार साल तक बिना किराया लिए किया गया था। इसके विरोध में आवाज उठी तो 10 हजार रुपए किराया तय किया गया। अगस्त 2022 में संचालक महिला स्वसहायता समूह से अनुबंध समाप्त हो गया। इसके बाद कभी कोरोना तो कभी अन्य तकनीकी कारणों का हवाला देकर समिति को तीन साल एक्सटेंशन का लाभ दिया गया। पिछले माह नई संचालन समिति तय करने टेंडर जारी किया गया, जो विवादों में आ गया।

विशेष स्वसहायता समूह ने सिंडिकेट बनाकर टेंडर में लिया हिस्सा
आरोप लगाया गया है कि, निविदा आमंत्रित करने जो शर्तें तय की गई थीं, उसे बिना किसी पूर्व सूचना के बदल दिया गया। तकनीकी योग्यता में न्यूनतम 50 अंक अर्जित करने के बजाय टेंडर में शामिल सभी को प्रैक्टिकल यानी खानपान की परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया गया। आरोप ये हैं कि विशेष स्वसहायता समूह ने सिंडिकेट बनाकर टेंडर में हिस्सा लिया, जिन्हें प्रैक्टिकल में शामिल करने के लिए नियम को शिथिल किया गया।

टेंडर प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं
संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य ने बताया कि, गढ़कलेवा के संचालन के लिए नियमानुसार टेंडर की पक्रिया पूरी की जा रही है। इसमें किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है। पूर्व में प्रायोगिक मूल्याकंन में केवल पांच समितियों को मौका दिया जाता था। इस बार निविदा में अधिक समितियों की भागीदारी को देखते हुए सभी को प्रायोगिक मूल्याकन के लिए पात्र माना गया है। इनमें जिस समूह की दर अधिकतम होगी, उसे ठेका दिया जाएगा।

निष्पक्ष निविदा की मांग
गढ़कलेवा के संचालन के लिए जारी किए गए टेंडर में गड़बड़ी और विशेष समूह को लाभ देने का आरोप लगाने वाले अन्य स्वसहायता समूह से पायल तिवारी, रानी अग्रवाल, महिमा शर्मा एवं नेहा उपाध्याय सहित अन्य महिलाओं ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। उनका कहना है कि वर्तमान में पूरी की जा रही टेंडर प्रक्रिया रद्द की जानी चाहिए। इसके लिए तय की गई शर्तों की जांच कर पुनः निविदा जारी की जानी चाहिए। इसके अलावा अभी संयुक्त रूप से गढ़कलेवा का संचालन करने वाली समिति के वित्तीय लेनदेन की जांच होनी चाहिए।

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