कारोबारी ने ED पर लगाया मारपीट का आरोप: हाईकोर्ट ने कहा- अधिकारी के खिलाफ मजिस्ट्रेट के सामने याचिका करें दाखिल

ईडी की पूछताछ में कारोबारी ने मारपीट और धमकी का आरोप लगाया है. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि, अधिकारी के खिलाफ मजिस्ट्रेट के पास दाखिल आवेदन करें।

Updated On 2025-10-06 21:55:00 IST

हाईकोर्ट 

पंकज गुप्ते- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के खाद कीटनाशक कारोबारी हेमंत चंद्राकर की याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) से जुड़े कथित कस्टोडियल टॉर्चर के मामले में बड़ी टिप्पणी की। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बिभु दत्ता गुरु की डिविजन बेंच ने कहा कि, अगर याचिकाकर्ता को ईडी अधिकारियों द्वारा मारपीट या धमकी की शिकायत है तो वे सीआरपीसी की धारा 156(3) या धारा 200 के तहत मजिस्ट्रेट के पास जा सकते हैं।

दरअसल, याचिकाकर्ता हेमंत चंद्राकर रायपुर निवासी हैं और शृष्टि ऑर्गेनिक्स नाम से खाद-कीटनाशक निर्माण इकाई चलाते हैं। उन्होंने याचिका में बताया कि 3 सितंबर 2025 को ईडी की टीम ने उनके घर पर छापा मारा था। छापे के दौरान उन्हें और परिवार को मानसिक दबाव में रखा गया, गाली-गलौज की गई और सीसीटीवी कैमरे बंद करवाए गए। ईडी अधिकारियों ने उन्हें कथित रूप से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके सहयोगियों तथा हेमंत चंद्राकर के अन्य रिश्तेदार जो भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता हैं उनके खिलाफ भी बयान देने का दबाव बनाया गया था। जिसे मना करने के बाद हेमंत चंद्राकर के साथ बेतहाशा मारपीट की गई थी, बयान देने को मजबूर किया। बाद में पूछताछ के दौरान उन्हें रॉड से पीटे जाने और धमकी देने का भी आरोप लगाया गया।

पूछताछ में नहीं की मारपीट- ED के वकील
आज सुनवाई में ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू और डॉ. सौरभ पांडे ने कोर्ट को बताया कि पूछताछ पूरी तरह सीसीटीवी निगरानी में होती है और किसी भी तरह की जबरदस्ती नहीं की गई। उन्होंने भरोसा दिलाया कि भविष्य में भी पूछताछ पूरी तरह कानूनी दायरे में की जाएगी। कोर्ट ने ईडी के इस आश्वासन को रिकॉर्ड में लिया और कहा कि चंद्राकर चाहे तो मजिस्ट्रेट के समक्ष शिकायत दर्ज कर सकते हैं। फिलहाल कोर्ट ने मामले में स्वतंत्र जांच या एफआईआर दर्ज करने के निर्देश देने से इंकार कर दिया और याचिका को निराकृत, (निबटारा मतलब डिस्पोज ऑफ)कर दिया है।

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