बिहार चुनाव 2025: तेजस्वी यादव का बड़ा वादा- “हर घर में एक सरकारी नौकरी”, बोले- 20 दिनों में कानून, 20 महीनों में अमल!
बिहार चुनाव 2025 में तेजस्वी यादव ने किया बड़ा वादा – अगर RJD की सरकार बनी तो हर परिवार में एक सरकारी नौकरी सुनिश्चित की जाएगी। 20 दिनों में कानून, 20 महीनों में अमल।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, तेजस्वी यादव का यह कदम चुनाव में “गेम-चेंजर कार्ड” साबित हो सकता है।
पटना (न्यूज़ डेस्क): बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल गर्म है, और इसी बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता व महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव ने एक ऐसा चुनावी वादा किया है जिसने पूरे राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है।
तेजस्वी यादव ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की कि अगर उनकी सरकार बनी, तो “हर परिवार में कम से कम एक सदस्य को सरकारी नौकरी” दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह केवल एक नारा नहीं, बल्कि उनकी सरकार का संकल्प होगा।
तेजस्वी यादव का बयान
“यह कोई जुमला नहीं, मेरा प्रण है। हमारी सरकार बनते ही 20 दिनों के अंदर इस योजना को कानूनी रूप दिया जाएगा, और अगले 20 महीनों में इसका क्रियान्वयन शुरू होगा।”
क्या है तेजस्वी यादव का “हर घर सरकारी नौकरी” प्लान?
तेजस्वी यादव ने बताया कि सरकार बनते ही एक विशेष अधिनियम (Employment Guarantee Ac- Bihar Model) पारित किया जाएगा, जिसके तहत पूरे राज्य में परिवारवार सर्वे कराया जाएगा।
जिन घरों में कोई भी सरकारी नौकरी नहीं है, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और मेरिट-आधारित होगी। सभी विभागों में रिक्त पदों की सूची सार्वजनिक की जाएगी। नई नौकरियों के साथ-साथ स्थानीय युवाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे।
तेजस्वी ने यह भी कहा कि बिहार में बेरोजगारी अब केवल चुनावी मुद्दा नहीं रहेगी, बल्कि उनकी सरकार इसे खत्म करने के लिए “नौकरी क्रांति” चलाएगी।
NDA पर तीखा हमला
तेजस्वी यादव ने NDA सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “बीते 20 सालों में NDA ने बेरोजगारी खत्म करने के वादे किए, लेकिन केवल भाषण दिए। हमारी सरकार 20 महीनों में बदलाव दिखा देगी।” उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने नौकरियों में भ्रष्टाचार, अनुचित चयन और ठेका प्रणाली को बढ़ावा दिया है।
युवाओं में जोश, विपक्ष में खलबली
तेजस्वी के इस वादे के बाद सोशल मीडिया पर #हरघरसरकारीनौकरी ट्रेंड करने लगा है। युवा वर्ग इस घोषणा को लेकर उत्साहित है, जबकि विपक्षी दलों ने इसे “असंभव वादा” बताया है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, तेजस्वी यादव का यह कदम चुनाव में “गेम-चेंजर कार्ड” साबित हो सकता है।