बिहार चुनाव से पहले NDA में दरार: चिराग पासवान पर भड़के जीतनराम मांझी, वादाखिलाफी और भीड़ मैनेजमेंट के लगाए आरोप
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मोदी कैबिनेट के दो मंत्री आमने-सामने आ गए हैं। जीतनराम मांझी ने चिराग पासवान पर भीड़ मैनेज करने और वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। जानिए NDA में क्यों बढ़ रहा है तनाव।
Jitan Ram Manjhi vs Chirag Paswan: बिहार चुनाव से पहले एनडीए में तकरार तेज हो गई है। मोदी कैबिनेट के दो दलित चेहरे- चिराग पासवान और जीतनराम मांझी आमने-सामने आ गए हैं। मांझी ने चिराग पर बड़ा हमला करते हुए वादाखिलाफी और रैली में भीड़ मैनेज करने का आरोप लगाया है।
दरअसल, एलजेपी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने हाल ही में आरा में एक भव्य रैली की, जिसमें बड़ी संख्या में लोग जुटे। इस पर हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने तंज कसते हुए कहा कि भीड़ पैसे देकर भी जुटाई जा सकती है।
मांझी बोले - भीड़ मैनेज करती है चिराग की पार्टी
मांझी ने कहा, "हमने गया, जहानाबाद, मुंगेर जैसी जगहों पर बिना पैसे लिए रैलियां कीं और लाखों की भीड़ आई। कुछ लोग तो 30 गाड़ियों में लोगों (उनका निशाना चिराग पर था) को बैठाकर बार-बार जगह बदलते हैं और नारे लगवाते हैं।"
चिराग पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया
मांझी ने चिराग पासवान पर इमामगंज उपचुनाव में वादा करके भी प्रचार न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मेरी बहू दीपा मांझी एनडीए उम्मीदवार थीं, लेकिन चिराग ने प्रचार का वादा करके भी सहयोग नहीं किया। मांझी ने इसे जातीय समीकरण और प्रशांत किशोर से चिराग की नजदीकी का परिणाम बताया।
लोकसभा चुनाव का दर्द भी छलका
मांझी ने यह भी कहा कि उन्हें लोकसभा चुनाव के दौरान दो लोकसभा सीटें और एक राज्यसभा सीट देने का वादा किया गया था, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला। इसके बावजूद उन्होंने पूरे राज्य में एनडीए के लिए प्रचार किया।
अरुण भारती का पलटवार
चिराग के बहनोई और जमुई से सांसद अरुण भारती ने जीतन राम मांझी के आरोपों पर परोक्ष रूप से प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, "अगर कुछ वरिष्ठों को चिराग जी की रैली की सफलता से असहजता हुई है, तो हम उसे भी आशीर्वाद ही मानते हैं। संघर्षशील समाज के लोगों को मेहनत करनी पड़ती है, मजबूत लोग तो तिरस्कार कर आराम फरमाते हैं।"
राजनीतिक मायने
बिहार की राजनीति में दलित वोट बैंक को लेकर चिराग और मांझी के बीच सीधी टकराव की स्थिति बनती दिख रही है। एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर असंतोष साफ झलक रहा है, जो चुनाव के दौरान और गहराने की आशंका है।